दिव्यांगों के डोर-टू-डोर टीकाकरण से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस, दो हफ्ते में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट

Update: 2021-09-20 16:15 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। नोटिस देशभर के दिव्यांगों के डोर-टू-डोर टीकाकरण के मामले में जारी किया गया है। कोर्ट ने सरकार से दो हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब मांगा है। दरसअल, कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई थी, जिसमें मांग की गई थी कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उनके निवास स्थान पर ही कोविड टीकाकरण को प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि उन्हें कोरोना की चपेट में आने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। इवारा फाउंडेशन की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। इसी मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया और सॉलिसिटर जनरल से उन कदमों के बारे में अवगत कराने का अनुरोध किया, जो पहले ही उठाए जा चुके हैं और जो उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए उठाए जाने हैं।

कोर्ट ने कहा कि चूंकि याचिका दिव्यांगों के अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है, हम भारत सरकार को नोटिस जारी करते हैं। हम सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अनुरोध करेंगे कि वे उठाए गए कदमों और भविष्य की योजनाओं के बारे में कोर्ट को बताएं। जिससे याचिकाकर्ताओं की चिंताओं को दूर किया जा सके। इससे पहले याचिका में कहा गया कि ये लोग सरकार द्वारा बनाए गए टीका केंद्रों पर जाकर वैक्सीन नहीं लगवा सकते, ऐसे में सरकार को जरूरत है कि वो उनके घर-घर जाकर टीकाकरण करे।
फाउंडेशन की तरफ से तर्क दिया गया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा कहा गया कि दिव्यांग व्यक्तियों के डोर-टू-डोर टीकाकरण होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड और केरल ने इस नीति को लागू भी किया है।
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