नोटा को बहुमत मिलने पर फिर से चुनाव कराने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
ईसी को नियम बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने किसी चुनाव में खड़े उम्मीदवारों के मुकाबले नोटा को अधिक वोट मिलने पर फिर से चुनाव कराने के संबंध में चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट इस संबंध में दायर उस याचिका पर विचार करने को सहमत हो गया है, जिसमें नोटा को अधिक वोट पड़ने पर चुनाव आयोग (ईसी) को नियम बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
इस संबंध में मोटिवेशनल वक्ता शिव खेड़ा की याचिका को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने नोटिस जारी कर मामले में चुनाव आयोग से जवाब मांगा। शिव खेड़ा ने किसी निर्वाचन क्षेत्र में नोटा को बहुमत मिलने पर उस निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव शून्य घोषित करने और नए सिरे से चुनाव कराने जाने संबंधी नियम बनाने के लिए कोर्ट से चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की है।
इसमें विभिन्न राज्य चुनाव आयोगों द्वारा दिए आदेशों का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि नोटा को "काल्पनिक उम्मीदवार" के रूप में माना जाएगा और उसे सबसे अधिक वोट मिलने की स्थिति में नए चुनाव कराए जाएंगे।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह भी निर्देश देने की मांग की कि नोटा से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को पांच साल के लिए सभी चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए। याचिका के अनुसार, चुनाव आयोग ने पिछले साल जुलाई में एक पत्र जारी किया था, इसमें कहा गया था कि किसी चुनाव में उम्मीदवारों के मुकाबले नोटा को अधिक वोट मिलने की स्थिति में जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक वोट प्राप्त होगा, उसे विजेता घोषित कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि 2013 में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सभी ईवीएम में "उपरोक्त में से कोई नहीं" (नोटा) का विकल्प प्रदान करने का निर्देश देते हुए कहा था कि नकारात्मक मतदान का प्रावधान लोकतंत्र मजबूत करेगा।