BIG BREAKING: SC ने सभी वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ADR समेत अन्य की याचिका पर सुनवाई की. पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रकिया की अपनी गरिमा होती है. किसी को ये आशंका नहीं रहनी चाहिए कि इसके लिए जो जरुरी कदम उठाए जाने थे, वो नहीं उठाए गए.
पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील निजाम पाशा ने दलील दी कि यह व्यवस्था होनी चाहिए कि वोटर अपना VVPAT स्लिप बैलट बॉक्स में खुद डाले. जस्टिस खन्ना ने इस पर सवाल किया कि इससे क्या वोटर की निजता का अधिकार प्रभावित नहीं होगा. इस पर वकील निजाम पाशा ने दलील दी कि वोटर की निजता से अधिक जरूरी है उसका मत देने का अधिकार.
एक और याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने कहा कि सभी पर्चियों के मिलान की सूरत में चुनाव आयोग मतगणना में 12-13 दिन लगने की बात कह रहा है. ये दलील गलत है. ADR के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि वीवीपैट मशीन में लाइट 7 सेकंड तक जलती है, अगर वह लाइट हमेशा जलती रहे तो पूरा फंक्शन मतदाता देख सकता है.