नई दिल्ली: पैसे लेकर जॉब बांटने के आरोपी तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को गुरुवार को बड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री को कैश-फॉर-जॉब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देते हुए कहा, मुकदमे में देरी का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति को जमानत नहीं दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस अभय ओका, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और एजी मसीह की बेंच ने पूर्व मंत्री पर फैसला सुनाया। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को पिछले साल 14 जून को ईडी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद बालाजी की एक निजी अस्पताल में बाईपास सर्जरी कराई गई थी। इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए ईडी ने हिरासत में ले लिया था। पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
बालाजी की गिरफ्तारी के बाद से डीएमके ने इसका विरोध जताया था। पार्टी की ओर से कहा गया था कि यह जो कार्रवाई हुई है, वह बदले की भावना को देखते हुए हुई। तमिलनाडु के पूर्व मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने साल 2011 से 2016 तक जब वह राज्य के परिवहन मंत्री थे तो उन्होंने पैसे लेकर नौकरी बांटी। ईडी ने उन्हें कैश फॉर जॉब मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। हालांकि, बालाजी ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। क्योंकि, मद्रास हाईकोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया था।