सुप्रीम कोर्ट को मिले दो नए जज, जस्टिस प्रशांत मिश्रा और सीनियर एडवोकेट विश्वनाथन
नयी दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता कल्पति वेंकटरमन विश्वनाथन को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के तौर पर पद की शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने शीर्ष अदालत के सभागार में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में नये न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति विश्वनाथन के शपथ लेने के साथ ही उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 34 हो गई है जो इसकी स्वीकृत संख्या है।
हालांकि, शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की पूर्ण संख्या कुछ समय के लिए ही रहेगी क्योंकि शुक्रवार तीन न्यायाधीशों का अंतिम कार्य दिवस भी है जो जून में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
न्यायमूर्ति के एम जोसफ, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम अगले महीने ग्रीष्मावकाश के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ग्रीष्मावकाश 22 मई से दो जुलाई तक रहेगा।
न्यायमूर्ति जोसफ 16 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, वहीं न्यायमूर्ति रस्तोगी 17 जून को और न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यम 29 जून को सेवानिवृत्त होंगे। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी आठ जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे।
न्यायमूर्ति विश्वनाथन 11 अगस्त, 2030 को न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला के सेवानिवृत्त होने पर भारत के प्रधान न्यायाधीश बनेंगे और 25 मई, 2031 तक इस पद पर रहेंगे।
न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति विश्वनाथन की शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति का वारंट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय से बृहस्पतिवार को जारी किया गया था। उनकी नियुक्ति की घोषणा नये कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्विटर पर की।
पिछले सात दिन में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की सेवानिवृत्ति के साथ ही उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या घटकर 32 रह गयी थी।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 16 मई को केंद्र सरकार से न्यायमूर्ति मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वनाथन के नाम की सिफारिश शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए की थी।
केंद्र सरकार ने दो कार्यदिवस में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी।