नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई फिलहाल स्थगित कर दी है. अब 10 मार्च को इस मामले में सुनवाई होगी. जस्टिस यूयू ललित, रविंद्र एस भट और पीएस नरसिम्हा ने एमिकस क्यूरी वरीष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता के आग्रह पर सुनवाई स्थगित कर दी. शीर्ष अदालत ने एमिकस क्यूरी और वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता की इस दलील को स्वीकार कर किया कि सजा के मुद्दे पर माल्या को इस मामले में अपना पक्ष रखने का आखिरी मौका दिया जाना चाहिए. सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने स्पष्ट किया था कि यह भारत सरकार का स्टैंड नहीं है कि लंदन में इस मामले में कुछ गोपनीय चल रहा है.
10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से या वकील के जरिए पेश होने के लिए दो हफ्ते का आखिरी मौका दिया था. तब मामला 24 फरवरी के लिए स्ठगित कर दिया गया था. वहीं इससे पहले, 18 जनवरी को विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में सुनवाई होने वाली थी. लेकिन जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की बेंच के उपलब्ध ना होने के सुनवाई टल गई थी. दरअसल, पिछले साल नवंबर में विदेश मंत्रालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के जरिए सुप्रीम कोर्ट को एक नोट सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में हैं.
विजय माल्या को अदालत से जानकारी छिपाने के लिए अवमानना के एक मामले में 9 मई 2017 को दोषी पाया गया था. अदालत ने माल्या को अपने बच्चों के अकाउंट में चार करोड़ डॉलर ट्रांसफर करने और संपत्ति का सही ब्यौरा ना देने पर आदेशों की अवमानना का दोषी पाया था. अदालत कई बार माल्या को अदालत में पेश होने के लिए कह चुका है.
गौरतलब है कि अदालत ने 10 फरवरी को माल्या को अपने खिलाफ अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने के लिए दो सप्ताह का आखिरी मौका दिया था. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि माल्या अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो कोर्ट इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए आगे बढ़ेगी.
सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में जानकारी दी कि बैंकों ने अब तक विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से 18 हजार करोड़ रुपये वसूल लिए हैं. उन्होंने बताया कि कोर्ट द्वारा पीएमएलए के तहत जारी किए आदेश के तहत ईडी ने विजय माल्या, नीरव मोदी और चोकसी से 18 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है.प्रतिवादी अवमानना करने वाले को 30 नवंबर, 2021 के आदेश के निर्देश पर कार्रवाई करने की स्वतंत्रता है, जिसके विफल होने पर मामले को तार्किक निष्कर्ष पर ले जाया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी.