अंधविश्वास: चाचा ने भतीजी को पटरी पर लिटाया, ट्रेन से कटकर हुई दोनो की मौत
आया तांत्रिक के झांसे में
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद में अन्धविश्वास के चक्कर में एक शख्स और उसकी पांच साल की मासूम भतीजी की जान चली गई. कमालगंज रेलवे स्टेशन के पास हुई एक हृदयविदारक घटना देखकर मौके पर पहुंची भीड़ आवाक रह गई. ट्रेन की सीटी सुनाने के लिए एक शख्स अपनी पांच साल की मासूम भतीजी को लेकर आया था और फिर पटरी पर लिटा दिया. ट्रेन आने पर जब तक चाचा मासूम को हटा पाता ट्रेन दोनों को रौंदते हुए गुजर गई. इस घटना को जिसने भी देखा उसकी चीख निकल गई. पूरी वारदात के पीछे जो बात निकल कर सामने आ रही है, उसके पीछे अन्धविश्वास है.
दरअसल, कमालगंज के फतेहउल्लाहपुर गांव निवासी जितेंद्र जाटव की 5 साल की पुत्री दुर्गा जन्म से कुपोषण की शिकार थी. लगातार इलाज के बाद भी जब उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं दिखा तो स्वजन झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ गए. झाड़-फूंक करने वाले किसी तांत्रिक ने सलाह दी कि बच्ची को ट्रेन की सीटी सुनाओ तो वह ठीक हो जाएगी. इस पर रविवार भोर पहर करीब तीन बजे जितेंद्र जाटव अपने 45 वर्षीय चाचा प्रताप जाटव के साथ बाइक से 5 साल की दुर्गा को लेकर कमालगंज स्टेशन पर पहुंचा. उस समय रेलवे क्रॉसिंग बंद थी, तो चाचा प्रताप दुर्गा को गोद में लेकर रेलवे फाटक के पास खड़ा हो गया. ट्रेन को आता देख उसने दुर्गा को रेल पटरी पर लिटा दिया. ट्रेन के चालक ने हार्न बताया तो तेज सीटी की आवाज सुनते ही प्रताप तेजी से बच्ची को उठाने लगा, लेकिन इससे पहले गोरखपुर-बांद्रा ट्रेन आ गई और उसकी चपेट में आकर चाचा और भतीजी की मौत हो गई.
साथ आये भाई और बेटी की मौत का मंजर देखकर जितेंद्र सहम गया और सिर पर हाथ रखकर वहीं बैठ गया. कुछ देर बाद सूरज की किरण फूटी तो आसपास के लोग भी आ गए. घटना की जानकारी पर सभी अवाक रह गए. इसके बाद जितेंद्र ने घर जाकर सूचना दी. मृतक प्रताप की पत्नी सुमन तथा भाई दयाराम व दुर्गा की मां नीलम का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. घटना की सूचना पर यूपी 112 पुलिस टीमें मौके पर पहुंच गई. ग्रामीणों ने बताया कि प्रताप दो भाई हैं और उसके चार बच्चे हैं. पुलिस की सूचना पर जीआरपी के उपनिरीक्षक विकास यादव भी पहुंचे और घटना के बारे में लोगों से पूछताछ की.