अंधविश्वास, पुजारी और हत्या, पढ़ें ये खौफनाक स्टोरी

2016 में पुलिस की भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था.

Update: 2022-10-19 08:56 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | DEMO PIC 

नई दिल्ली: हैदराबाद की राचाकोंडा पुलिस ने बताया कि उन्होंने 75 साल के पुजारी और उनके बेटे की हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है. इस हत्या के पीछे अंधविश्वास है. पुलिस ने बताया कि 31 साल का आरोपी पुजारी को लंबे समय से जानता था. उसे यह विश्वास था कि यदि पुजारी उसके लिए एक खास पूजा कराए, तो वह कुछ भी हासिल कर सकता है.
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने साल 2016 में पुलिस की भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था. तब पुजारी ने उससे 6 लाख रुपये लेकर कथित रूप से ऐसी पूजा कराई थी, जिससे उसकी नौकरी लग जाए. पुजारी ने उससे किसी और को 12.50 लाख रुपये भी दिलवाए थे. इस सब के बाद भी आरोपी की नौकरी नहीं लगी तो उसने उस शख्स से अपने 12.50 लाख रुपये वापस लौटाने का दबाव बनाया. शख्स ने 10 लाख रुपये कैश और 2.50 लाख का चेक उसे दे दिया, लेकिन पुजारी ने उसे 6 लाख रुपये लौटाने से इनकार कर दिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इसके बाद आरोपी वित्तीय दिक्कतों से जूझने लगा और इस समस्या से निकलने के लिए भी उसने कई जगह पूजा-पाठ में पैसे लगा दिए. वह मार्च 2021 से पुजारी से अपने 6 लाख रुपये वापस मांग रहा था लेकिन वह इसे टाले जा रहा था.
आरोपी को ऐसा यकीन हो गया कि उसके बीमार होने, वित्तीय दिक्कतों, कानून मामलों में फंसने और पूर्णमासी की रात अधिक परेशान हो जाने के पीछे पुजारी का हाथ है क्योंकि वह पैसे न लौटाने के लिए उस पर काला जादू कर रहा है.
इसके बाद उसने कुछ लोगों की मदद से पुजारी की हत्या का प्लान बनाया. फिर 14 अक्टूबर को उसने कुछ साथियों के साथ मिलकर पुजारी और उसके बेटे पर उसके घर पर जाकर हमला कर दिया. वे दोनों मौके पर ही मर गए. पुलिस ने जानकारी दी कि जांच के बाद आरोपी और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
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