इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर की बाणगंगा पुलिस ने फर्जी लूट की कहानी बनाकर एफआईआर दर्ज करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने साथ हुई 7 लाख की लूट की घटना पुलिस को बताई थी। पुलिस ने पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कि तो लूट की घटना झूठी निकली। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। दरसअल, इंदौर की बाणगंगा पुलिस को कंट्रोल रूम से सूचना प्राप्त हुई थी कि सचिन राठौर नाम के व्यक्ति के साथ लक्ष्मीबाई स्टेशन के पास में 7 लाख रुपये की लूट हो गई है। सूचना पर भागीरथपुरा चौकी प्रभारी को पुलिस बल के साथ तत्काल मौके पर रवाना किया गया। जिन्होंने घटना की तस्दीक करते फरियादी सचिन राठौर निवासी मुखर्जीनगर बाणगंगा इन्दौर से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वह गोल्ड लोन दिलाने वाला एजेंट है।
उसने 21 तारीख को एचडीएफसी, कोटक और आईसीआईसीआई बैंक से कुल 7 लाख रुपये निकाले थे, जिनको लेकर शाम को करीब 4 बजे एमआर फोर रोड से अपने घर मुखर्जीनगर जा रहा था, तभी लक्ष्मीबाई रेल्वे स्टेशन के पास पीछे से बाइक पर दो नकाबपोश बदमाश आये और पिस्टल अड़ा कर बैग में रखे 7 लाख रुपये लूट कर भाग गए। उनकी बाइक पर नंबर प्लेट नहीं थी। फरियादी सचिन राठौर की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। वहीं पुलिस ने लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के आस पास के सीसीटीवी चेक किए तो फरयादी फुटेज में जाता हुआ दिखाई तो दिया, लेकिन बाइक सवार कोई नहीं दिखे। शक होने पर पुलिस ने फरयादी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा सच उगल दिया। सचिन ने बताया कि वह श्रीकृष्ण एक्लेव में एक प्लाट खरीदा है, जिसकी डील 7 लाख रुपये में हुई थी। लेकिन प्लाट उसे पसंद नहीं आ रहा था, उसे पैसे ना देना पड़े। इसलिए उसने लूट की नकली कहानी रची। बहरहाल पुलिस ने झूठी एफआईआर दर्ज कराने पर उसे गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई कर रही है।