Success Story: पहले ही प्रयास में IAS बनीं एकता सिंह...पढ़े सफलता की पूरी कहानी

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Update: 2021-02-21 16:00 GMT

एकता सिंह उन लकी कैंडिडेट्स में से हैं जो किसी एग्जाम को देने के पहले उसके बारे में सारी जानकारी इकट्ठी करके कुछ ऐसी प्लानिंग करते हैं कि उनका पहला प्रयास ही अंतिम हो जाता है. फर्स्ट अटेम्प्ट में सफलता पाना कठिन है लेकिन असंभव नहीं. सही स्ट्रेटजी और प्लानिंग से यूपीएससी एग्जाम भी एक बार में क्रैक किया जा सकता है. कुछ कैंडिडेट्स तो पहले प्रयास के महत्व पर बात करते हुए यहां तक सलाह देते हैं कि इसे ही अंतिम मानकर परीक्षा दें. इससे आपके अंदर जो जोश आएगा उसका कोई सानी नहीं. यही नहीं पहले प्रयास वाली बात बाद के प्रयासों में नहीं रह जाती.

इन्हीं बातों पर यकीन करते हुए एकता ने भी अपने पहले प्रयास में जान लगा दी और साल 2016 में 101 रैंक के साथ सेलेक्ट हुईं. रैंक के अनुसार उन्हें आईएएस पद मिला. इसके एक साल पहले यानी साल 2015 में ही एकता ने आईआईटी बीएचयू से ग्रेजुएशन की डिग्री ली थी और तुरंत बाद इस परीक्षा की तैयारी आरंभ कर दी थी. जानते हैं एकता से परीक्षा पास करने के टिप्स, जिनके बारे में उन्होंने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में बात की.

एकता ने अपनी तैयारी के दौरान कोचिंग ज्वॉइन की थी और दूसरे कैंडिडेट्स की तुलना में वे इसे सफलता के लिए हेल्पफुल मानती हैं. यही नहीं एकता स्वीकार करती हैं कि अपनी एक साल की तैयारी के दौरान उन्होंने कोचिंग से बहुत लाभ लिए. उनके अनुसार इस एग्जाम को क्रैक करने के लिए दूसरा अहम बिंदु है करेंट अफेयर्स की तैयारी. खासकर प्री परीक्षा के लिए एकता करेंट अफेयर्स को बहुत जरूरी मानती हैं. वे कहती हैं कि पूरी तैयारी के दौरान न्यूज पेपर जरूर पढ़ें और रोज पढ़ें. इसके बाद भी कुछ छूट जाए तो मंथली मैगजींस की सहायता से उसे कवर कर लें.

चाहें तो कुछ विषयों के नोट्स भी बना सकते हैं. किस विषय या किस टॉपिक के नोट्स बनाने हैं यह आपके ऊपर है पर एक बात तो तय है कि इनकी सहायता से रिवीजन आसानी से हो जाता है. यहां एकता एक बात साफ करना नहीं भूलती कि जैसे हर किसी की स्ट्रेटजी अलग होती है और एक की स्ट्रेटजी दूसरे के लिए काम नहीं करती उसी प्रकार रिवीजन से लेकर प्लानिंग तक सब अपने अनुसार करें. किसी को कॉपी न करें. एकता अपने अनुभव से कुछ मुख्य बातें कहती हैं, जैसे एनसीईआरटी की किताबें तैयारी की शुरुआत में जरूर पढ़ें, सीधे स्टैंडर्ड बुक्स पर न आएं. बेसिक्स क्लियर किए बिना आगे बढ़ेंगे तो आगे जाकर परेशानी होगी.

दूसरी जरूरी बात है सीमित रिसोर्स. वे कहती हैं आप चाहें कितनी भी किताबें इकट्ठी कर लें कुछ टॉपिक्स ऐसे होते ही हैं जिनकी जानकारी उन किताबों में नहीं मिलती. ऐसी स्थिति के लिए आप इंटरनेट का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि हर विषय के लिए अलग किताब नहीं रखी जा सकती. इससे एंड में रिवीजन नहीं हो पाता. अगली जरूरी बात है टेस्ट सीरीज की, इसे जरूर ज्वॉइन करें. इनसे आपको अपनी कमियां पता चलती हैं और आप समय से उनमें सुधार कर पाते हैं. अगर टेस्ट सीरीज न भी ज्वॉइन कर पाएं तो पिछले सालों के पेपर देखकर तैयारी करें. मुद्दा केवल यह है कि अपनी कमियों को समय रहते दूर करें और जहां जरूरत लगे वहां सुधार भी करें. सही दिशा में शांत मन और चैतन्य दिमाग के साथ तैयारी करेंगे तो सफल जरूर होंगे.

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