सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा मैं नीतीश से पूछूंगा कि क्या उनकी प्रधानमंत्री बनने की...
उनकी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है।
नईदिल्ली | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘‘पुराना मित्र'' बताया और कहा कि वह उनसे (नीतीश) पूछेंगे कि क्या उनकी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है। स्वामी बिहार की राजधानी पटना में विधि छात्रों के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से भी बात की। जब उनसे पूछा गया कि क्या विपक्षी दलों को एकजुट करने संबंधी कुमार के प्रयासों के सफल होने की कोई संभावना दिखाई देती है तो स्वामी ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार मेरे पुराने मित्र रहे हैं।
इस तरह के सवाल के जवाब में मैं ना कैसे कह सकता हूं।'' यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख कुमार भविष्य में प्रधानमंत्री बन सकते हैं, स्वामी ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, ‘‘मैं कैसे कह सकता हूं जब तक कि नीतीश खुद ऐसी इच्छा व्यक्त नहीं करते? मैंने उनसे मिलने का समय मांगा है।
अगर वह मिलने के लिए सहमत होते हैं, तो मैं उनसे पूछूंगा कि क्या वह प्रधानमंत्री बनने में दिलचस्पी रखते हैं।'' नरेन्द्र मोदी सरकार के अर्थव्यवस्था को संभालने संबंधी तरीके के अकसर आलोचक रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री से संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के आंकड़ों के मद्देनजर जनसंख्या कानून की आवश्यकता के बारे में भी पूछा गया। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारी जनसंख्या वृद्धि की तुलना 50-60 साल पहले से करें। यदि अर्थव्यवस्था 10 प्रतिशत या उससे अधिक की दर से बढ़ती है, तो जनसंख्या का संतुलन स्वाभाविक रूप से होगा।
'' यूएनएफपीए के ताजा आंकड़ों के अनुसार 142.86 करोड़ की आबादी के साथ भारत जनसंख्या के लिहाज से दुनिया का पहले नंबर का देश बन गया है और उसने चीन को पीछे छोड़ दिया है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर स्वामी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इसकी आवश्यकता है। जबरदस्ती के उपायों से जनसंख्या नियंत्रित नहीं हो सकती। हमें इंदिरा गांधी के ऐसे प्रयासों को नहीं भूलना चाहिए जिसके खतरनाक परिणाम हुए थे।'' जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा तलब किए जाने के बारे में स्वामी ने कहा कि वह (मलिक) एक बहादुर व्यक्ति हैं।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘वह उन सभी सवालों का उचित जवाब देंगे जो उनसे पूछे जाएंगे। लेकिन यह कहना गलत है कि उन्हें तलब किया गया है। सीबीआई एक ऐसे मामले की जांच कर रही है जिसमें वह उनके पास मौजूद जानकारी से फायदा उठाना चाहती है।'' स्वामी ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि जिन लोगों ने अतीक अहमद की तारीफ में यहां एक दिन पहले नारे लगाए थे, ‘‘वे खुद को बदनाम कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘वे मूर्ख व्यक्ति हैं। यह सर्वविदित है कि अतीक किस प्रकार का आदमी था। उसके हत्यारे भी पकड़े गए हैं और उन्हें उचित कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
हमें इस तरह के नारे लगने से ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। यदि नारे राष्ट्र-विरोधी हैं, तो प्रशासनिक तंत्र संज्ञान ले सकता है और उचित कार्रवाई कर सकता है।'' उनसे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के रोष के बारे में भी पूछा गया, जो ‘‘दो मुस्लिमों'' (अतीक और उसके भाई अशरफ) के पुलिस हिरासत में मारे जाने की कड़ी आलोचना करते रहे हैं। स्वामी ने कहा, ‘‘ओवैसी एक मित्र हैं, जो अत्यधिक बुद्धिमान हैं। मैं अकसर उनसे मजाक में कहता हूं कि वह एक देशभक्त हैं, जो प्राय: खुद को मुसलमानों के नेता के रूप में स्थापित करने के लिए राष्ट्र हित के खिलाफ काम करते हैं। लेकिन वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें सम्मान के साथ सुना जा सकता है।''