छात्रों और दादा-दादी का बनाया उपग्रह भारत के पहले निजी रॉकेट के साथ उड़ेगा
चेन्नई (आईएएनएस)| एयरोस्पेस स्टार्टअप 'स्पेस किड्ज इंडिया' भारत के पहले निजी क्षेत्र के रॉकेट पर अमेरिका, इंडोनेशिया और भारत के छात्रों द्वारा बनाए गए अपने 2.5 किलोग्राम उपग्रह को उड़ाएगा, इसके सीईओ ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
संस्थापक-सीईओ श्रीमती केसन ने आईएएनएस को बताया, "हम छात्रों के बनाए उपग्रह को विक्रम-एस रॉकेट में उड़ाएंगे। उपग्रह को ले जाने के लिए स्काईरूट एयरोस्पेस के साथ चर्चा चल रही है। उपग्रह को छात्रों और कुछ मामलों में अपने दादा-दादी के साथ बनाया गया था।"
बच्चों द्वारा अपने दादा-दादी के साथ पेलोड डिजाइन करना मजेदार तत्व था, जिसे इस बार पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ दादा-दादी थे, जिन्होंने किट खरीदी थी और उन्हें इकट्ठा किया था।
उनके अनुसार, उपग्रह को लगभग 8-9 महीनों में विकसित किया गया था और 80 छात्र कक्षा 6 से 12 तक के थे।
केसन ने कहा कि पेलोड पर 80 बोर्ड हैं और लगभग 10-15 प्रयोग किए जा सकते हैं।
स्काईरूट एयरोस्पेस ने मंगलवार को कहा कि वह 12 से 16 नवंबर के बीच श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रॉकेट पोर्ट से तीन पेलोड के साथ अपना रॉकेट विक्रम-एस उड़ाएगा।
हैदराबाद स्थित रॉकेट स्टार्टअप ने मिशन को 'प्रारंभ' (शुरुआत) नाम दिया गया है, जो निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक नए युग का प्रतीक है।
कंपनी ने कहा, इस पहले मिशन के साथ स्काईरूट एयरोस्पेस अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च करने वाली भारत की पहली निजी अंतरिक्ष कंपनी बनने के लिए तैयार है, जो अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरुआत कर रही है। इसे हाल ही में निजी क्षेत्र की भागीदारी की सुविधा के लिए खोला गया था।