नई दिल्ली (आईएएनएस)| आईआईटी और मेडिकल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग का खर्च उठाने में असमर्थ छात्रों को अब एक नया 'साथी' मिलने जा रहा है। 'सेल्फ असेसमेंट टेस्ट एंड हेल्प फॉर एंट्रेंस एग्जाम (एसएटीएचईई) यानी साथी एग्जाम की तैयारी करवाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक आईआईटी कानपुर की मदद से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह एक नई पहल की है। शिक्षा मंत्रालय का यह भी कहना है कि 'साथी' के जरिए देश के प्रसिद्ध आईआईटी संस्थानों और बेंगलुरु स्थित आईआईएससी के फैकेल्टी छात्रों की मदद करेंगे।
देशभर के छात्रों के लिए 'साथी' प्लेटफॉर्म अगले सप्ताह तक अस्तित्व में आ जाएगा। अभी तक जामिया मिलिया इस्लामिया और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे कई संस्थानों में सिविल सर्विसेज की ट्रेनिंग के लिए सरकार द्वारा निशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराई जा रही थी।
हालांकि अब इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए आईआईटी समेत विभिन्न इंजीनियरिंग नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी निशुल्क सहायता छात्रों को मिल सकेगी। इस व्यवस्था पर होने वाला सारा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के इस नए प्लेटफॉर्म साथी का उद्देश्य भारतीय छात्रों को प्रतियोगी और अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक आत्म-केंद्रित इंटरैक्टिव सीखने और मूल्यांकन मंच का अवसर प्रदान करना है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक साथी का उद्देश्य छात्रों को अवधारणाओं को सीखना और उनके कमजोर विषयों पर ध्यान केंद्रित करना है।
इसके लिए बाकायदा आईआईटी और आईआईएससी के फैकेल्टी छात्रों की मदद करेंगे। इन फैकेल्टियों द्वारा विभिन्न विषयों पर खास वीडियो तैयार किए जाएंगे जो परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए खासी मददगार हो सकते हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक साथी प्लेटफॉर्म बनाने का उद्देश्य ऐसे छात्रों तक मदद पहुंचाना है जो जेईई नीट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महंगी कोचिंग का खर्चा उठाने में अक्षम हैं। साथी को लांच करने का उद्देश्य छात्रों को कॉन्सेप्ट को सीखना और अपने कमजोर टॉपिक पर ध्यान केंद्रित करवाना है।
वहीं दिल्ली में सरकारी स्कूल के छात्रों को नीट और जेईई जैसी परीक्षाओं का मार्गदर्शन किया जा रहा है। अतिरिक्त मदद चाहने वाले छात्रों को लेकर सरकारी स्कूल के शिक्षकों को इस संबंध में विशेष निर्देश भी दिए गए हैं।
इस बार दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कुल 1141 बच्चों ने जेईई मेंस और नीट में सफलता हासिल की है। दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों के 648 बच्चे नीट और 493 बच्चे जेईई मेंस में सफल हुए हैं। परीक्षाओं में सफल हुए ये बच्चे गरीब परिवारों से हैं और विषम परिस्थितियों में रहते हैं। नीट परीक्षा पास करने वालों में 199 लड़के हैं और 449 लड़कियां हैं। जेईई में 493 बच्चे सफल हुए हैं। यहां 404 लड़के और 89 लड़किया सफल हुई हैं।
गौरतलब है कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को एक और राहत प्रदान करते हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं पर लगने वाला टैक्स समाप्त करने का निर्णय लिया जा चुका है। यह फैसला लागू होने से नीट, यूजीसी नेट, जेईई जैसी अनेक परीक्षाओं की फीस कम हो जाएगी और इसका सीधा लाभ इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को मिलेगा।
यह निर्णय हाल ही में जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया गया है। छात्रों के मुताबिक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा लिए जाने वाली कई परीक्षाओं पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।