भारत में लगाए जा सकते है कड़े प्रतिबंध, ओमीक्रॉन को लेकर केंद्र सरकार चिंतित

Update: 2021-12-21 16:29 GMT

कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के चलते पूरे देश में कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इस संदर्भ में भारत सरकार ने राज्यों को पत्र लिखा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वैरिएंट के 200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ये मामले 12 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में आए हैं।

राज्यों को लिखे अपने पत्र में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, "ओमीक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम से कम 3 गुना अधिक संक्रामक है। इसलिए, स्थानीय और जिला स्तर पर और भी अधिक दूरदर्शिता, डेटा विश्लेषण, गतिशील निर्णय लेने और सख्त और त्वरित रोकथाम कार्रवाई की आवश्यकता है।" उन्होंने पत्र में कहा कि डेल्टा अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद है। उन्होंने राज्यों से ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रतिबंध और निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा, "वर्तमान वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर, वीओसी ओमीक्रॉन डेल्टा वीओसी की तुलना में कम से कम 3 गुना अधिक संक्रामक है। डेल्टा वीओसी अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद है। इसलिए स्थानीय और जिला स्तर पर अधिक दूरदर्शिता, डेटा विश्लेषण, तेजी से निर्णय लेने और सख्त और त्वरित नियंत्रण कार्रवाई की आवश्यकता है।" उन्होंने आगे कहा कि जहां पिछले एक सप्ताह में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत या उससे अधिक है और ऑक्सीजन समर्थित या आईसीयू बेड पर 40 प्रतिशत तक या उससे अधिक भरे हुए हैं, वहां जिला स्तर पर रोकथाम के उपाय और प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। उन्होंने राज्यों से कंटेनमेंट, टेस्टिंग और निगरानी, क्लीनिकल मैनेजमेंट, टीकाकरण और कोविड प्रोटोकॉल को लेकर भी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। इससे पहले दिन में, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मौजूदा टीके कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन संस्करण पर काम नहीं करते हैं।


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