नई दिल्ली: चांद की सतह पर पहुंचे चंद्रयान 3 की मदद से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO को लगातार अपडेट्स मिलना जारी है। अब खबर है कि भारतीय स्पेस एजेंसी को चांद पर कुछ अजीब गतिविधियों के बारे में भी पता चला है। फिलहाल, इसे लेकर वैज्ञानिकों के बीच चर्चाओं का दौर जारी है। चंद्रयान 3 ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी।
चंद्रयान-3 में लगा लूनर सेसमिक एक्टिविटी (आईएलएसए) पेलोड ने 25 और 26 अगस्त को एक अजीब सी गतिविधि दर्ज की है। प्रारंभिक स्तर पर ये प्राकृतिक लग रहा है। हालांकि वैज्ञानिकों की टीम इसकी तह तक जाने के लिए जांच में जुटी है। इसरो के अनुसार चांद पर पहली बार भेजा गया माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) तकनीक रूप से रोवर और दूसरे पेलोड की गतिविधि पर नजर रखता है।
इसरो के अनुसार आईएलएसए चांद की सतह पर जमीनी कंपन से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखता है। ये प्राकृतिक भूकंप, किसी वस्तु के प्रभाव से कंपन या कृत्रिम गतिविधियों के कारण होने वाले कंपन को दर्ज करता है। आईएलएसस पेलोड को बेंगलुरू स्थित इसरो की संस्था लैबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम (एलईओएस) ने तैयार किया है। इसे यान में स्थापित करने का काम यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के वैज्ञानिकों ने किया है।