BIG ब्रेकिंग: एयरपोर्ट पर हड़कंप, CISF जवानों पर FIR, जानें पूरा मामला

महिला ने सिक्योरिटी चेक के दौरान सामान चोरी होने का आरोप लगाया है.

Update: 2023-01-11 11:27 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची एक ऑस्ट्रेलियाई महिला ने सिक्योरिटी चेक के दौरान सामान चोरी होने का आरोप लगाया है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात सीआईएसएफ कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. दरअसल, आकाशनी सिंह गौर (40) ने 11 अगस्त को एयर इंडिया की फ्लाइट से सिडनी से दिल्ली के लिए उड़ान भरी और यहां से कनेक्टिंग फ्लाइट से हैदराबाद के लिए उड़ान भरी. तभी उनके साथ यह अप्रिय घटना हुई. वह अपने ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भारत आई थीं.
4 जनवरी को दर्ज कराई गई शिकायत में उन्होंने कहा, "इस पूरी घटना में कई अधिकारी शामिल थे, जो जानते थे कि वे क्या कर रहे हैं और उन्होंने दो छोटे बच्चों (3 और 7 वर्ष की आयु) के साथ अकेले यात्रा करने वाली एक मां को अकेले पाकर इसका लाभ उठाया. क्योंकि हम लोग 15 घंटे की फ्लाइट से थक चुके थे. इस दौरान एक्स-रे मशीन में सामान की जांच के दौरान उनके हैंडबैग से ज्वैलरी और 50,000 रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा चोरी हुई."
सिडनी स्थित अपने घर से फोन पर न्यूज एजेंसी से बात करते हुए गौर ने कहा कि हैदराबाद पहुंचने के बाद उन्हें सामान चोरी होने की जानकारी हुई. जिसके बाद उनका शक एयरपोर्ट पर तैनत सुरक्षाकर्मियों पर गया. क्योंकि पूरी यात्रा के दौरान कीमती सामान वाला उनका बैग केवल एयरपोर्ट जांच के दौरान ही बाहर था. क्योंकि तब उसे एक्स-रे स्क्रीनिंग के लिए डाला गया था.
गौर ने कहा, वह कभी-कभी ही भारत आती हैं और इस बार वह छह साल में पहली बार भारत आई थीं. उन्होंने कहा, "मैंने पिछले छह महीनों में उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर हवाईअड्डा सुरक्षा, दिल्ली पुलिस, सीआईएसएफ, आदि तक हर अथॉरिटी को इस संबंध में लिखा था, लेकिन 30 दिसंबर को मुझे जांच में शामिल होने के लिए एसएचओ आईजीआई एयरपोर्ट से एक ई-मेल मिला.
न्यूज एजेंसी के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जनसंपर्क अधिकारी अपूर्व पांडेय के कार्यालय ने कहा कि वे इस मामले को देख रहे हैं.
महिला ने कहा, "11 अक्टूबर, 2022 को मुझे अरुण सिंह, एआईजी/हवाईअड्डा सुरक्षा से एक ई-मेल मिला, जिन्होंने मुझे स्थानीय पुलिस के साथ मामले को आगे बढ़ाने के लिए कहा. सिंह के पत्र में आगे लिखा है कि आपकी शिकायत के निवारण के लिए स्थानीय पुलिस सही प्राधिकारी है."
घटना की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि एक्स-रे स्क्रीनिंग के दौरान उन्होंने पांच ट्रे लीं, तीन अपने बैग के लिए, एक सूटकेस के लिए और एक अतिरिक्त ट्रे अपने लैपटॉप के लिए. अपने बच्चों के साथ, वह दूसरी तरफ स्क्रीनिंग प्रक्रिया से बाहर चली गईं. सभी ट्रे एक साथ बैकपैक बाहर आईं. मैंने सारा सामान उठाया और बाद में देखा कि बैकपैक के साथ एक ट्रे दूसरी तरफ जा रही है, जहां संदिग्ध वस्तुओं वाले बैग जाते हैं. मैं दूसरी तरफ चली गई और अधिकारी ने मुझसे मेरा बोर्डिंग पास मांगा और मैंने कहा कि बोर्डिंग पास उस बैग में ही है. उसने फिर मुझे पास निकालने के लिए कहा, जो मैंने दिखा दिया. जब अधिकारी ने एक्स-रे स्क्रीन को देखा और उन्हें जाने के लिए कहा तो उन्हें उस पर कोई शक नहीं हुआ. हालांकि उन्हें यह काफी आश्चर्यजनक लगा कि उनके बैग की जांच तक नहीं की गई.
उन्होंने कहा, "अगर उन्हें कुछ आपत्तिजनक चीजें मिलीं, तो उन्होंने इसकी जांच क्यों नहीं की? उन्होंने (जांच अधिकारी) मुझसे कहा कि जल्दी करो और बिना किसी जांच के चले जाओ."
शिकायत के मुताबिक उन्होंने कहा कि मैं बेताब हूं और भारत की कानूनी प्रणाली में विश्वास रखने की उम्मीद करती हूं. ताकि न केवल मेरे लाभ के लिए मेरी सहायता की जा सके बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि किसी और के साथ इस तरह की घटना न हो."
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