एसटीएफ ने 3 शातिर वन्यजीव तस्करों को किया गिरफ्तार, बाघ की 2 खाल और हड्डियां बरामद
तलाशी लेने पर वाहन के अन्दर बाघ की खाल व भारी मात्रा में हड्डियां बरामद हुई।
देहरादून: एसटीएफ, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली और तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर (टांडा) की संयुक्त टीम ने बुधवार की शाम बाजपुर स्थित हाइवे से तीन शातिर वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से बाघ की दो खाल और 35 किग्रा हड्डी बरामद की है।
गिरफ्तार तस्कर ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं और लंबे समय से वन्यजीव अंगों की तस्करी में लिप्त थे। बुधवार की शाम एसटीएफ को सूचना मिली कि तीन शातिर तस्कर ट्रक (यूके 18 सीए 6713) से काशीपुर से रुद्रपुर की तरफ आ रहे हैं, जिस पर संयुक्त टीम ने घेराबन्दी कर उन्हें बाजपुर दोराहा हाइवे पर रोक लिया। तलाशी लेने पर वाहन के अन्दर बाघ की खाल व भारी मात्रा में हड्डियां बरामद हुई।
गिरफ्तार तस्करों ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि वो बाघ की खाल व हड्डी को काशीपुर से लाये हैं और जिसे बेचने के लिए रुद्रपुर ले जा रहे थे। अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो पता चला कि तीनों कुख्यात वन्यजीव तस्कर हैं जो कि काफी समय से उत्तराखण्ड व सीमावर्ती उप्र में सक्रिय हैं।
इसी गैंग से सम्बन्धित 7 सदस्यों को एसटीएफ द्वारा इसी वर्ष जुलाई माह में 1 टाइगर स्किन के साथ पकड़ा गया था। पकड़े गये तस्करों के विरुद्ध तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर में वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम में पंजीकृत कराया गया। अभियुक्तों से तस्करी के सम्बन्ध में एसटीएफ द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही है। एसटीएफ की इस कार्रवाई में मुख्य आरक्षी जगपाल सिंह व मुख्य आरक्षी गोविन्द बिष्ट की विशेष भूमिका रही।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया गया कि एसटीएफ द्वारा 22 जुलाई को खटीमा क्षेत्र में एक वन्यजीव तस्कर गैंग के विरुद्ध कार्रवाई कर एक टाइगर स्किन व भारी मात्रा में टाइगर की हड्डियां बरामद की गई थी और 7 वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई में एसटीएफ को कई अहम सूचनाएं हाथ लगी थी, जिस पर टीम द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा था। इसी क्रम में एसटीएफ द्वारा बुधवार की शाम उक्त गैंग के नेटवर्क के समस्त सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।