टीके की बर्बादी पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कम मिलेंगी डोज, कोरोना वैक्सीनेशन के लिए नई गाइडलाइंस जारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फ्री वैक्सीन के ऐलान के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई वैक्सीन गाइडलाइन को मंजूरी दी है.

Update: 2021-06-08 09:10 GMT

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फ्री वैक्सीन के ऐलान के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई वैक्सीन गाइडलाइन (New Vaccine Guidelines) को मंजूरी दी है. इसके तहत आगामी 21 जून से वैक्सीन का कैसे वितरण होगा और किस राज्य को किस आधार पर कितनी वैक्सीन मिलेगी इसका ऐलान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन में कर दिया है.

नई गाइडलाइन के मुताबिक प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगायी जाएगी. सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर, 45 से ऊपर की उम्र के लोग, दूसरी डोज जिन लोगों की लंबित हो, फिर आखिर में 18 से ऊपर की उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. हालांकि देश में अधिकतर हेल्थकेयर वर्करों का वैक्सीनेशन हो चुका है. बावजूद इसके अभी भी जो कोई बाकी है या रह गए हैं, उन्हें वैक्सीन पहले देनी होगी.
वैक्सीन वितरण राज्य तय करें
केन्द्र सरकार की नई गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि वैक्सीन के वितरण कैसे हो. इसके लिए स्थानीय राज्य सरकारों को स्वतंत्रता दी गयी है. किसे पहले वैक्सीन लगवाना है, इसे लेकर राज्य सरकार अपनी प्राथमिकता तय कर सकती है. यदि राज्य सरकार को लगता है कि पहले 45 प्लस को वैक्सीन देना ज्यादा जरुरी है तो पहले उन्हें वैक्सीन मुहैया कर सकती हैं.
किस राज्य को कितनी वैक्सीन
केन्द्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी राज्य को वहां की जनसंख्या और संक्रमित मरीजों की संख्या के आधार पर वैक्सीन दी जाएगी. इसमें यह भी तय कर दिया गया है कि किसी राज्य में वैक्सीनेशन की क्या रफ्तार है, इसे ध्यान में रखकर भी वैक्सीन दी जाएगी. यदि किसी राज्य में वैक्सीनेशन के दौरान वैक्सीन की बर्बादी ज्यादा हुई है तो ऐसे में आने वाले दिनों मे उसे कम वैक्सीन भी मिल सकती है.
समय से पहले मिलेगी जानकारी
केन्द्र सराकर ने राज्यों से यह भी स्पष्ट कहा है कि किस राज्य को कितनी वैक्सीन मिलने वाली है, इसकी जानकारी समय रहते दी जाएगी. इससे वैक्सीन सेंटर बनाने से लेकर वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी.
प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन
इस गाइडलाइन में यह भी तय किया गया है कि वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियां जितनी वैक्सीन बनाएंगी उसकी 25 प्रतिशत वैक्सीन वह प्राइवेट अस्पतालों को देने के लिए स्वतंत्र है. प्राइवेट अस्पताल इस बारे में सीधे वैक्सीन कम्पनी से बात करेंगे और वैक्सीन उत्पादक कम्पनी राज्य में स्थित अस्पताल की स्थिति को देखते हुए वैक्सीन मुहैया कराएंगी. प्राइवेट अस्पताल वैक्सीन के दाम से ऊपर प्रति डोज 150 रु से अधिक सर्विस चार्ज नहीं लेंगे, राज्य सरकारें इसकी निगरानी करेंगी.
आप चाहें तो पाएं वैक्सीन वाउचर
केन्द्र सरकार ने यह भी तय किया है कि यदि कोई समर्थ व्यक्ति चाहे तो आर्थिक रुप से विपन्न व्यक्ति को वैक्सीन वाउचर दान में दे सकता है. इस वाउचर के आधार पर वह व्यक्ति निजी अस्पताल में जाकर वैक्सीन लगवा सकता है.
ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन और कॉमन सर्विस सेंटर
केन्द्र सरकार ने साफ कर दिया है कि कोविन पोर्टल पर प्री रजिस्ट्रेशन के अलावा लोगों की सुविधा के लिए सभी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ऑन साइट रजिस्ट्रेशन राज्य सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए. इसके साथ ही राज्य सरकारें वैक्सीन बुकिंग के लिए कॉमन सर्विस सेंटर या कॉल सेंटर भी शुरू कर सकती हैं.
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