प्रदेश के सबसे साधारण दिखने वाले मंत्री अनिल विज हाईटेक संसाधनों के उपयोग में रुचि रखते हैं
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चंडीगढ़। हरियाणा के अंदर 2014 में स्वास्थ्य विभाग अनिल विज ने मनोहर पार्ट वन भाजपा सरकार के दौरान संभाला था। उन दिनों किसी भी अस्पताल में एम आर आई या सिटी स्कैन हार्ट सेंटर डेंटल इंप्लांट सेंटर नहीं थे। हरियाणा के लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में मेडिकल सुविधाएं लेने के लिए महंगे दामों पर खर्चा उठाना पड़ता था। अनिल विज ने उन दिनों सर्वप्रथम प्रयास से ही शुरू किया कि हरियाणा के अस्पतालों में ज्यादा ज्यादा सुविधाएं दी जा सके। स्वास्थ्य विभाग के पास आर्थिक रूप से प्रयाग बजट उन दिनों नहीं था जिसके चलते अनिल विज ने निर्णय लिया कि पीपीपी मोड पर यह सुविधाएं जनता को उपलब्ध करवाई जाए। जिससे की जनता को आर्थिक रूप से काफी राहत भी मिले। हरियाणा के अधिकांश सरकारी अस्पतालों के अंदर इस ओके एम आर आई सिटी स्कैन हार्ट सेंटर डेंटल इंप्लांट्स सेंटर स्थापित है। हरियाणा सरकारी अस्पतालों में हार्ट सेंटर खुलने का सबसे ज्यादा लाभ बीपीएल धारकों को रहा है हरियाणा में बीपीएल धारकों को 116 में सरकारी अस्पतालों में स्टंट डल जाता है।
हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रयास है कि पैरामेडिकल फिर कोशिश जिनमें प्रमुख रूप से डायलिसिस ट्रेनिंग सेंटर ईसीजी, इमरजेंसी हैंडलिंग, जैसे कोर्सेज भी हरियाणा में शीघ्र शुरू किया जाए। हरियाणा के अंदर विशेषज्ञ डॉक्टरों की स्थाई नियुक्ति को लेकर भी अनिल विज लगातार प्रयासरत है। प्रदेश के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का मानना है कि सरकारी तंत्र के माध्यम किए जाने वाले पत्राचार की स्पीड काफी धीमी होने के कारण आदेश और दिशा निर्देश की पालना में काफी वक्त लगता है। लेकिन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर तुरंत प्रभाव से अधिकारियों तक बात पहुंचाई जा सकती है। वही सोशल मीडिया के माध्यम से जनता को भी पता चलता है कि सरकार क्या कर रही है। इससे सरकार द्वारा की गई कार्यवाही में भी पारदर्शिता नजर आती है। कुछ समय पहले अस्वस्थ होने पर वह अस्पताल में भी इसके जरिए अपने विभिन्न विभागों को नियंत्रित करते रहे थे। प्रदेश के सबसे साधारण दिखने वाले मंत्री अनिल विज हाईटेक संसाधनों के उपयोग में रुचि रखते हैं। वह अपने सभी विभागों पर नियंत्रण रखने के लिए जहां संसाधनों का प्रयोग करते हैं। वही वह मीडिया तक अपनी बात पहुंचाने के लिए केवल लोक संपर्क विभाग पर निर्भर नहीं रहते। वह खुद मीडिया तक अपनी बाइट्स, अपने बयान और प्रेस नोट पहुंचाते हैं। पुराने जमाने में जब हाईटेक जमाना नहीं था तब भी वह अपने हाथ से लिख कर प्रेस नोट मीडिया तक भिजवाते थे यानि मीडिया से वह दूरियां बनाने में विश्वास नहीं रखते। वह 35 साल से राजनीति में है और 6 बार चुनाव जीत चुके हैं। भाजपा सरकार के सबसे सीनियर मंत्री हैं जो कि जनता में बेहद लोकप्रिय हैं। प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी का अस्तित्व न के बराबर था तब भी यह अपने क्षेत्र से चुनाव जीतते रहे हैं। जनता हमेशा उनकी प्राथमिकता पर रही है। कुशल नेतृत्व के मालिक, बेबाक और सख्त अंदाज, स्टीक दिशा निर्देश और अनुशासन प्रिय अनिल विज दूरदर्शी सोच रखते हैं। उनकी सुदृढ़ कार्यशैली, फैसले लेने की शक्ति और काम करने का अंदाज जो भी देखता है वह उनका मुरीद हुए बिना नहीं रह सकता। प्रदेश के मंत्री अनिल विज जो अपने सख्त रवैया के लिए विख्यात हैं। लेकिन उनकी प्रसिद्धि केवल हवा-हवाई नहीं है। अनिल विज केवल अपने अधिकारियों और स्टाफ पर ही पूरी तरह से निर्भर नहीं रहते। वह अपना काम और अपने विभागों की कार्य शैली पर खुद नजर बनाए रखते हैं।