नई दिल्ली: मंगलवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के नए बयान से कुन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर प्रतिनियुक्ति का मामला फिर चर्चा में आ गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित रुप से कुछ ऐसा हुआ है जिससे ऐसा निर्णय(कुलपति पद से इस्तीफा) लेना पड़ा।
मंगलवार को एएनआई से बात करते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "निश्चित रूप से कुछ ऐसा हुआ है जिससे मुझे यह निर्णय लेना पड़ा है कि मैं (विश्वविद्यालयों के) कुलाधिपति के रूप में जारी नहीं रहना चाहता। लेकिन मैं उस (कारण) पर चर्चा नहीं करूंगा क्योंकि इसमें राष्ट्रीय संस्थान शामिल हैं।"
दरअसल, दो सप्ताह पहले केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की खंडपीठ ने एक अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को नोटिस जारी किया था। अपील याचिका में गोपीनाथन रवींद्रन को कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) के रूप में फिर से नियुक्त किए जाने को गैर-कानूनी बताया गया है।
जिस पर राज्यपाल आरिफ ने नोटिस को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वे इस पद को छोड़ चुके हैं तो नोटिस स्वीकारने का कोई मतलब ही नहीं है। खान ने कहा था कि उन्होंने आठ दिसंबर को चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया था और अपने फैसले को वापस लेने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालत ने चांसलर को नोटिस जारी किया है, न कि आरिफ मोहम्मद खान को।
बताते चले कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 8 दिसंबर को सीएम पिनाराई विजयन को कड़े शब्दों में एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा कि वह वास्तव में उच्च शिक्षा क्षेत्र के "गिरते स्तर" से आहत हैं और इसके लिए विश्वविद्यालयों में "राजनीतिक हस्तक्षेप" को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने सरकार से चांसलर का पद संभालने के लिए कहा और यह भी कहा कि यदि राजनीतिक हस्तक्षेप जारी रहा और वह आगे नहीं झुक सकते।