DEVAS का बयान: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई असर नहीं होगा, भारत सरकार की संपत्ति करते रहेंगे जब्त
देवास मल्टीमीडिया के शेयरधारकों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कंपनी को बंद किए जाने के फैसले का कोई असर नहीं होगा।
देवास मल्टीमीडिया के शेयरधारकों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कंपनी को बंद किए जाने के फैसले का कोई असर नहीं होगा। कंपनी के शेयरधारक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अधिकरण के फैसले के अनुसार 1.2 अरब डॉलर की वसूली के लिए दुनिया भर में फैली भारत सरकार की संपत्तियों को जब्त करने के लिए कानूनी कदम उठाते रहेंगे। अगर भारत सरकार इसे रोकना चाहती है तो उसे बातचीत की टेबल पर आना होगा। शेयरधारकों के वकील ने यह बात कही है।
लॉ फर्म गिब्सन, डुन एंड क्रचेर के पार्टनर मैथ्यू डी मैकगिल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कुछ नहीं बदलेगा। मोदी सरकार और भारतीय अदालतें तथ्य फिर से नहीं लिख सकतीं। धोखाधड़ी के उनके छिछले आरोप भारत से बाहर की अदालतों में नहीं टिकेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए बेहतर यही होगा कि बातचीत की टेबल पर आए और सेटलमेंट के लिए चर्चा करे। हम पहले ही भारत सरकार की करोड़ों की संपत्तियां जब्त करने का आदेश हासिल कर चुके हैं और आगे भी ऐसी संपत्तियों की पहचान कर उनका कब्जा हासिल करने के लिए कानूनी कदम उठाते रहेंगे।
पेरिस और कनाडा में भारत को हार
देवास मल्टीमीडिया ने इसरो की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स के साथ 2011 में उपग्रह सौदा रद्द होने के बाद नुकसान की भरपाई के लिए दुनिया के अलग-अलग देशों में केस कर रखा है। उन्हें फ्रांस और कनाडा की अदालत से ऐसे आदेश मिल भी चुके हैं। पेरिस में भारत सरकार के एक रिहायशी भवन और कनाडा में एअर इंडिया एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की करोड़ों की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश वहां की अदालतों ने दे रखा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भारत सरकार इस फैसले के आधार पर विदेशों में देवास के हर दावे को चुनौती देगी।