नई-दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से आज सभी प्रदेश अध्यक्षों ने मुलाकात की। इस दौरान संगठन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई और राहुल गांधी ने मार्गदर्शन दिया। बता दें कि मंगलवार को राजधानी नई दिल्ली में हुई कांग्रेस पार्टी की मीटिंग में व्यापक सदस्यता अभियान चलाने के साथ-साथ जिस बात पर जोर दिया गया, वो था पार्टी के संविधान में संशोधन। लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली कांग्रेस पार्टी की मैराथन बैठक में लगभग सभी नेता पार्टी के संविधान में संशोधन के लिए एकमत नजर आए। पार्टी का वर्तमान संविधान 1920 के दशक में लिखा गया था और इसके कुछ खंड आज की दुनिया में अव्यवहारिक लगते हैं और शायद इसीलिए नॉर्थ-ईस्ट से संबंध रखने वाले कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के संविधान से जुड़े कुछ मुद्दे उठाए।
कांग्रेस का संविधान अपने सदस्यों को शराब नहीं पीने और खादी पहनने के लिए कहता है जो 1920 के दशक में बिल्कुल तार्किक लग सकता था। हालांकि तब के भारत और अब के भारत में बहुत कुछ बदल चुका है इसलिए कांग्रेस नेताओं का मानना है कि देश की इस सबसे पुरानी पार्टी को समय के साथ अपने संविधान में संशोधन करते रहने चाहिएं। कल की मीटिंग में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसबारे में बात की कि क्यों जब संविधान लिखा गया था तब खादी पहनना क्यों अनिवार्य किया गया था? राहुल ने बैठक में कहा, यह खादी को बढ़ावा देने के लिए था जो भारत में पैदा होती है और किसी भी विदेशी कपड़े को हटाने करने के लिए था, हालांकि समय बदल गया है।
मीटिंग में मौजूद सूत्रों ने बताया कि इस बात पर सभी की सहमति थी कि पार्टी को अपने संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता है और संविधान की समीक्षा करने और उसमें संशोधन करने के लिए एक समिति बनाई जानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व भी इस बात से सहमत था कि पार्टी को संविधान में इन संशोधनों की आवश्यकता है। कांग्रेस के संविधान में अंतिम संशोधन वर्ष 2010 में किया गया था, जब पार्टी के अध्यक्ष का कार्यकाल 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया था। तब कांग्रेस संविधान की समीक्षा के लिए प्रणब मुखर्जी, जनार्दन द्विवेदी, अहमद पटेल और दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गजों वाली एक समिति का गठन किया गया था, जिसने कुछ संशोधनों की सिफारिश की थी जिन्हें वर्ष 2010 में बुरारी में आयोजित ्रढ्ढष्टष्ट सत्र में अनुमोदित किया गया था। आपको बता दें कि कांग्रेस का संविधान ष्टङ्खष्ट और पार्टी के अध्यक्ष को संविधान में कोई भी संशोधन करने का अधिकार देता है, हालांकि किसी भी संशोधन को पहले ष्टङ्खष्ट में पारित करने की जरूरत है और फिर ्रढ्ढष्टष्ट सत्र में इसकी पुष्टि की जानी चाहिए। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कुछ खंडों में संशोधन की चर्चा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में भी हुई थी, हालांकि तब पार्टी को लगा कि इससे अनावश्यक विवाद पैदा होगा, इसलिए ये संशोधन कभी नहीं किए गए। हालांकि, अब फिर से पार्टी नेताओं को लगता है कि युवाओं को अपने प्रति आकर्षित करने के लिए पार्टी को अपने संविधान में ये संशोधन करने की जरूरत है।