नई दिल्ली: दिल्ली में गुरुवार को रॉयल थाई वायुसेना के समक्ष भारतीय रक्षा उद्योगों की अत्याधुनिक क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा आप भी की। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उनके अंतर्गत आने वाले रक्षा उत्पादन विभाग ने 22 जून को नई दिल्ली में रॉयल थाई वायुसेना (आरटीएएफ) के उप प्रमुख, एयर मार्शल पीबून वोरावनप्रीचा के नेतृत्व में आए थाईलैंड प्रतिनिधिमंडल के साथ एक ब्रीफिंग और बातचीत के सत्र का आयोजन किया। इसमें भारतीय रक्षा उद्योगों की अत्याधुनिक क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा दिया गया।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय रक्षा उद्योग ने थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडल के सामने अपनी अत्याधुनिक रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन किया, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस आयोजन का उद्देश्य आपसी समझ प्रगाढ़ करना, संभावित साझेदारी का पता लगाना और क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान करना था। इस कार्यक्रम के दौरान, दोनों पक्षों ने मजबूत रक्षा संबंध स्थापित करने और संयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं रणनीतिक साझेदारी का मार्ग तलाशने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दुहराया। इन प्रस्तुतियों और चर्चाओं के माध्यम से दोनों देशों के बीच भविष्य में रक्षा अनुसंधान एवं विकास, संयुक्त अभ्यास और क्षमता निर्माण सहित पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
वहीं गुरुवार को ही राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह ने नई दिल्ली में मालदीव के एनसीसी के कमांडेंट, मरीन कोर और कमांडिंग ऑफिसर ब्रिगेडियर जनरल वैस वहीद के साथ बैठक की। बैठक के दौरान भारत यात्रा पर आए अतिथि को एनसीसी इंडिया के इतिहास, देशभर में इसके प्रसार, कैडेटों और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और भारत और मालदीव के बीच युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई। मालदीव एनसीसी के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों से निपटने पर भी विस्तृत चर्चा की गई। एनसीसी इंडिया ने चुनौतियों का सामना करने के लिए मालदीव को अपना समर्थन दिया और उन्हें प्रशिक्षकों और कैडेटों के लिए एनसीसी इंडिया द्वारा चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों को स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के संगठनों के बीच संबंधों को और सुदृढ़ बनाना था, जबकि युवाओं के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आदान-प्रदान को बढ़ाना और संबंधों को मजबूत करना था।