राज्य सरकार ने IPS अफसर को किया निलंबित....लाखों रुपए घूस लेने का आरोप
बड़ी कार्रवाई
राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिक जांच में लिप्त पाए जाने पर आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल (IPS Manish Aggarwal) को निलंबित कर दिया है. कार्मिक विभाग की ओर से शुक्रवार को अग्रवाल के निलंबन आदेश जारी किए गए हैं. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने अग्रवाल को 2 फरवरी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद 48 घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में रहने के कारण आईपीएस अग्रवाल को निलंबित किया गया है. कार्मिक विभाग ने अग्रवाल को 2 फरवरी से ही निलंबित करने के आदेश जारी करते हुए निलंबन काल में उनका मुख्यालय महानिदेशक जयपुर रखा है.
दरअसल, आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल पर दौसा जिले के एसपी रहते हुए भ्रष्टाचार करने का आरोप है और एसीबी ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था. अग्रवाल को हाईवे बनाने वाली कंपनी से घूस लेने के आरोप में 2 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. एसीबी ने 13 जनवरी को इस मामले में दलाल नीरज मीणा और दो उपखंड अधिकारी पिंकी मीणा और पुष्कर मीणा को गिरफ्तार किया था. इन पर जयपुर आगरा हाईवे बनाने वाली दो कंपनियों से लाखों रुपए घूस लेने के आरोप हैं. आईपीएस मनीष अग्रवाल भी इस मामले में एसीबी के रडार पर थे. अग्रवाल का निलंबन के दौरान मनीष अग्रवाल का निलंबन काल के दौरान मुख्यालय डीजीपी राजस्थान जयपुर के कार्यालय में रहेगा. कार्मिक (क-3/ शिकायत) विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार राज्य सरकार अखिल भारतीय सेवाएं नियम 1969 के नियम 3 के उप नियम (2) के अंतगर्त प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 2 फरवरी से निलंबित माने जाने के आदेश जारी किये हैं.
आईपीएस मनीष अग्रवाल को सस्पेंड करने का प्रदेश में पहला मामला नहीं है. मनीष अग्रवाल से भी पहले 3 आईपीएस और 3 आईएएस गिरफ्तार हो चुके हैं. जून 2012 में रिश्वत मामले में आईपीएस अजय सिंह को गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट ने बरी कर दिया। जनवरी 2013 में तत्कालीन अजमेर एसपी राजेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था. मई 2014 में कोटा के तत्कालीन एसपी सत्यवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया था. सितंबर 2015 में खान घोटाले में आईएएस अशोक सिंघवी को गिरफ्तार किया गया था. मई 2018 में आईएएस निर्मला मीणा को गिरफ्तार किया गया था. दिसंबर 2020 में बारा जिले के तत्कालीन जिला कलेक्टर इंदर सिंह राव को गिरफ्तार किया गया.