सोनिया का PM मोदी पर हमला, कहा- सबसे मुश्किल समय से गुजर रहा है देश का लोकतंत्र

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नवनियुक्त महासचिवों और इंचार्जों को संबोधित करते हुए लिखे पत्र के बहाने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है.

Update: 2020-10-18 18:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नवनियुक्त महासचिवों और इंचार्जों को संबोधित करते हुए लिखे पत्र के बहाने केंद्र की नरेंद्र मोदीसरकार पर हमला किया है.कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नवनियुक्त महासचिवों और इंचार्जों को संबोधित करते हुए लिखे पत्र के बहाने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है.उन्होंने कहा कि आज देश का प्रजातंत्र सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. कोरोना को हराने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री ने देश को अपने हाल पर छोड़ दिया. उन्होंने अपनी जवाबदेही से मुंह मोड़ लिया. महामारी से लड़ने को लेकर न इनके पास नीति है और न ही सोच.

सोनिया गांधी ने पार्टी के पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा कि आप सभी को नवरात्रों की शुभकामनाएं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में आप सभी महासचिवों, प्रभारियों और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों को नए दायित्वों की शुभकामनाएं. उन्होंने कहा कि देश के लिए लगातार संघर्ष करना ही कांग्रेस संगठन का ध्येय रहा है. आज भी पूरे समर्पण से देश की सेवा ही हमारे संगठन का मूल मंत्र है.

पदाधिकारियों को लिखे पत्र के बहाने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि आप सब साथियो को जो दायित्व दिया गया है, उसका महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि आज देश का प्रजातंत्र सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. देश में ऐसी सरकार काबिज हो गई है, जो देश के नागरिकों के हकों को मुट्ठीभर पूंजीपतियों के हाथों में सौंप देना चाहती है. इस सरकार ने करोड़ों किसानों के खिलाफ तीन काले कानून लाकर खेती पर हमला बोला है

हरित क्रांति को हराने की साजिशः सोनिया

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हरित क्रांति को हराने की साजिश कर रही है. करोड़ों खेत मजदूरों, बंटाइदारों, पट्टेदारों, किसानों, अनाज मंडियों में काम करने वाले गरीबों और छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी पर हमला बोला गया है. ये हमारा कर्तव्य है कि हम मिलकर इस षडयंत्र को विफल करें.

कोरोना संकट की वजह से खस्ताहाल स्थिति पर पदाधिकारियों से सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना महामारी में न सिर्फ मजदूरों को दर-बदर की ठोकरें खाने को मजबूर किया गया, साथ-साथ पूरे देश को महामारी की आग में झोंक दिया. 21 दिन में कोरोना महामारी को हराने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री ने देश को अपने हाल पर छोड़ दिया है. उन्होंने अपनी जवाबदेही से मुंह मोड़ लिया है. कोरोना महामारी से लड़ने को लेकर न इनके पास नीति है, न सोच है, न रास्ता और न ही कोई हल.

सोनिया गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने देश के नागरिकों की मेहनत और कांग्रेस सरकारों की दूर दृष्टि से बनाई गई मजबूत अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है. जिस प्रकार से अर्थव्यवस्था औंधे मुंह गिरी है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. आज युवाओं के पास रोजगार नहीं है. 14 करोड़ के करीब रोजगार खत्म हो गए हैं. छोटे-छोटे कारोबारियों, दुकानदारों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर भाइयों की रोजी-रोटी खत्म हो रही है, पर मौजूदा सरकार को कोई परवाह नहीं अब तो भारत सरकार अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी से भी पीछे हट गई है

यह कौन सा राज धर्म'

उन्होंने कहा कि GST में प्रांतों का हिस्सा तक नहीं दे रही. प्रांतीय सरकारें इस संकट की घड़ी में अपने लोगों की मदद कैसे करेंगी? देश में सरकार द्वारा फैलाई जा रही अफरा-तफरी और संविधान की अवहेलना का यह एक नया उदाहरण है.

पत्र के जरिए सोनिया गांधी ने दलित समाज के लोगों की स्थिति पर हमला करते हुए कहा कि दलित भाइयों-बहनों का दमन किया जा रहा है. हमारी मासूम बेटियों को सुरक्षा देने के बजाय भाजपा सरकारें अपराधियों का साथ दे रही हैं. पीड़ित परिवारों की आवाज को दबाया जा रहा है. यह कौन सा राज धर्म है?

कांग्रेस से जुड़े नेताओं को संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि देश पर आई इन चुनौतियों का सामना करने का नाम ही कांग्रेस संगठन है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब अनुभवी लोग इस कठिन समय में कठोर मेहनत कर देश पर आए इस संकट का मुकाबला करेंगे और भाजपा सरकार के इन प्रजातंत्र और देश विरोधी मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे.



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