इच्छा की सार्वजनिक: सोनिया गांधी के दामाद ने राजनीति में उतरने की जताई इच्छा, इन नेताओं को सुनाया

उन्होंने कहा है कि ऐसे नेता पावर और पद के पीछे भाग रहे हैं. उन्होंने इस बार पार्टी के लोकसभा चुनाव में अच्छी लड़ाई लड़ने का भरोसा जताया है.

Update: 2024-04-05 04:33 GMT
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ छोड़ने पर गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि ऐसे नेता पावर और पद के पीछे भाग रहे हैं. उन्होंने इस बार पार्टी के लोकसभा चुनाव में अच्छी लड़ाई लड़ने का भरोसा जताया है.
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ये कहना सही नहीं है कि कांग्रेस पर भरोसा नहीं है. मैं उन लोगों से मिला हूं, जिनके पास अनुभव है. अभी ऐसे सीनियर नेताओं को लगता है कि उन्हें पावर या टिकट या सीट की जरूरत है, लेकिन वे इसके लिए कोशिश नहीं करते हैं. इसके लिए प्रयास की जरूरत है. यदि आपको लगता है कि आपकी पहचान मंत्री होने पर आधारित है और यदि ऐसा नहीं है तो उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए. अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि अगर कोई दूसरी पार्टी ऑफर करती है तो वो साथ छोड़कर चले जाएं.
वाड्रा ने आगे कहा, एक विरासत है, कांग्रेस ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, उनके लिए, उनके परिवार के लिए बहुत कुछ किया है. जब वे पीढ़ियों से कांग्रेस के साथ हैं तो उन्हें थोड़ा धैर्य रखना चाहिए, भले ही उन्हें कठिनाई महसूस हो या सत्ता में वापस आने में लंबा समय लगे. सत्ता ही सब कुछ नहीं है. हम उनसे नाराज नहीं होते, हम उन्हें अच्छे भविष्य के लिए विदा करते हैं. लेकिन लोग देखेंगे और महसूस करेंगे कि उनके लिए किसी पार्टी विशेष की विचारधारा मायने नहीं रखती, बल्कि जहां सत्ता या पद मिलता है, वहां चले जाते हैं. उनके लिए सिर्फ पद मायने रखता है.
दरअसल, वाड्रा से पूछा गया था कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंदर सिंह, रवनीत सिंह बिट्टू और गौरव वल्लभ जैसे कुछ प्रमुख चेहरों ने कांग्रेस क्यों छोड़ दी है? उन्होंने कहा, कुछ नेता चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ देते हैं. वाड्रा ने कहा, वे यह नहीं सोचते कि कांग्रेस ने उनके लिए क्या किया है. उन्हें लगता है कि पद और पहचान होनी चाहिए इसलिए जब उन्हें टिकट नहीं मिलता या कोई अन्य पार्टी ऑफर देती है तो वे चले जाते हैं. हम वर्षों से ऐसे नेताओं के आने और जाने के साक्षी रहे हैं. जब समय बदलेगा तो आप देखेंगे कि बहुत से लोग वापस लौट आएंगे. लेकिन कांग्रेस पार्टी, इंडिया ब्लॉक और गांधी परिवार अपनी आवाज उठाते रहेंगे, लोगों के लिए लड़ेंगे... मुझे विश्वास है कि हम एक अच्छी लड़ाई लड़ने में सक्षम होंगे. हम लोगों के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और जो लोग बदलाव चाहते हैं वे हमारा समर्थन करेंगे. हम महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और विकास पर बात करेंगे.
रॉबर्ट वाड्रा ने लोकसभा चुनाव लड़ने की भी इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा, मैं अन्य राजनीतिक दलों के सांसदों से भी मिलता हूं और वो अपनी पार्टियों में शामिल होने की पेशकश करते हैं. यह भी आश्वासन देते हैं कि वे चुनाव में मेरी जीत सुनिश्चित करवाएंगे. वाड्रा ने यह भी कहा कि अगर वो खुद संसद सदस्य बनने के बारे में सोचते हैं तो अमेठी के लोग उनसे उम्मीद करते हैं कि वे उनकी सीट का प्रतिनिधित्व करें.
वाड्रा ने कहा, वो चाहते हैं कि प्रियंका गांधी (कांग्रेस महासचिव और वाड्रा की पत्नी) पहले सांसद बनें. उसके बाद ही मैं बनना चाहूंगा. हमेशा चाहते हैं कि प्रियंका पहले सांसद बनें और वो संसद पहुंचें और फिर मुझे लगता है कि मैं भी चुनाव लड़ सकता हूं. मुझे लगता है कि मुझे अपनी मेहनत से, सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी के आशीर्वाद से (सांसद) बनना चाहिए.
उन्होंने आगे जोड़ा, मैं ऐसा इसलिए भी कहूंगा क्योंकि मैं इतने समय से लोगों से मिल रहा हूं और अन्य दलों के सांसद भी हैं, जब मैं उनसे मिलता हूं तो वे भी मुझसे प्यार से बात करते हैं और कहते हैं कि हमारी पार्टी (संसद में) से आएं और आप इतना समय क्यों ले रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आप भारी अंतर से जीतें.
वाड्रा ने संकेत दिया कि वो सही समय पर सक्रिय राजनीति में शामिल होंगे. उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि देश में अलग-अलग जगहों से निमंत्रण आ रहे हैं, आ भी रहे हैं. अलग-अलग पार्टियां हैं कि आप हमारी तरफ से आएं और हम आपका समर्थन करेंगे, क्योंकि पार्टी लाइन से हटकर मेरी कई लोगों से दोस्ती है, वो मेरी मेहनत देखते हैं, समझते हैं. उन्हें लगता है कि अगर आप संसद में होंगे तो जो जवाब देंगे और उसे बड़े मंच पर जगह मिलेगी. आप जो काम कर रहे हैं वो संसद में जाकर बड़े पैमाने पर हो सकता है. कई निमंत्रण हैं, दबाव है और मेरी सोच ज्यादा मेहनत करने और लोगों के बीच रहने की है और मैं निश्चित रूप से सही समय पर राजनीति का हिस्सा बनूंगा.
वाड्रा ने अमेठी से बीजेपी सांसद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ​पर निशाना साधा और कहा, वो इस सीट पर हमेशा उपलब्ध नहीं रहती हैं और लोगों को लगता है कि उन्होंने उन्हें (स्मृति) चुनकर गलती की है. बता दें कि स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ अमेठी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हरा दिया था. ये उस समय आम चुनाव के सबसे बड़े उलटफेरों में से एक था.
वाड्रा ने कहा, गांधी परिवार ने अमेठी और आसपास के इलाकों में कड़ी मेहनत की है. वे गांधी परिवार के किसी सदस्य की वापसी चाहते हैं, वे उसे भारी अंतर से जिताएंगे, वे यह भी उम्मीद करते हैं कि अगर मैं राजनीति में अपना पहला कदम रखूं और सांसद बनने के बारे में सोचूं तो मुझे अमेठी का प्रतिनिधित्व करना चाहिए. उन्होंने कहा, अमेठी और रायबरेली पर फैसला कांग्रेस नेतृत्व करेगा. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं अमेठी से चुनाव लड़ूंगा या प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी.
वाड्रा ने कहा, मैंने 1999 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस का प्रचार किया था. उस समय की राजनीति बहुत अलग थी, लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की जाती थी. हम रात में संवेदनशील इलाकों में जाते थे, पोस्टर लगाते थे, बैग बांटते थे. अपने कार्यकर्ताओं के साथ दिन-रात मेहनत करते थे और उन्हें विश्वास दिलाते थे कि हम यहां हैं और वे अपने क्षेत्रों और बूथों पर काम करते रहें. वहां लोग जानते हैं कि हमने कितनी मेहनत की और कितना भाईचारा और प्यार रहा है और आज भी है.
उन्होंने कहा, जिन लोगों के साथ मैंने काम किया. मेरे दफ्तर, घर के बाहर और सोशल मीडिया के जरिए वे संदेश भेजते हैं. वे मेरे जन्मदिन पर केक काटते हैं, लोगों के लिए लंगर या अन्य सेवा की व्यवस्था करते हैं. क्योंकि वे जानते हैं कि मुझे यह पसंद है. देश में लोग देखते हैं कि मैं लोगों के बीच रहता हूं, दिव्यांगों और आंखों की रोशनी गंवाने वाले बच्चों के लिए यथासंभव मेहनत करता हूं और सारा पैसा दान में खर्च करता हूं. मैं धार्मिक यात्रा पर जाता हूं और वे मेरा जन्मदिन मनाते हैं और मेरे नाम पर त्योहार मनाते हैं और वहां लोगों के बीच बांटते हैं.
बताते चलें कि कांग्रेस ने अभी तक अमेठी और रायबरेली सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए हैं. यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ रही है. राहुल गांधी ने पिछला लोकसभा चुनाव केरल के वायनाड से जीता था और वो फिर इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस चुनाव समिति ने भी पिछले महीने एक प्रस्ताव पास किया था कि गांधी परिवार के सदस्यों को अमेठी और रायबरेली लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ना चाहिए.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 2004 से रायबरेली का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. वे अब राज्यसभा के लिए चुनी गई हैं. लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होंगे.
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