महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ पक रहा? गुजराती व्यापारी से मिले एनसीपी के 2 बड़े नेता, हो सकता है बड़ा उलट-फेर
महाराष्ट्र में इन दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) संकट के दौर से गुजर रही है. NIA एंटीलिया और सचिन वाजे मामले की जांच कर रही है. मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
राजनीति के माहिर शरद पवार अपनी पार्टी को महाराष्ट्र की सत्ता में बनाए रखने के लिए क्या करेंगे?, इस पर सब की निगाहें टिकी हुई हैं. सूत्रों की माने तो एनसीपी के दो दिग्गज नेताओं की गुजरात के एक बड़े व्यापारी के साथ अहमदाबाद में मुलाकात हुई है. यह मुलाकात शुक्रवार शाम को हुई. माना जा रहा है कि एनसीपी के दोनों नेताओं और गुजरात के व्यापारी के बीच यह एक डिनर डिप्लोमेसी थी. लेकिन इस मुलाकात को लेकर अटकलों का बाजार भी काफी गर्म है.
एनसीपी के दो सीनियर नेताओं में शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल का नाम सामने आया है. सूत्रों का कहना है कि जिस गुजराती व्यापारी के साथ उनकी मुलाकात हुई उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबियों में से एक माना जाता है. अकटलें लगायी जा रही हैं कि महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच मुमकिन है कि कोई बड़ा उलट-फेर हो सकता है.
ये भी अटकलें थीं कि शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. हालांकि जब इस मामले में पत्रकारों ने अमित शाह से सवाल किए तो उन्होंने कहा कि सारी बातें सार्वजनिक नहीं की जाती हैं. लिहाजा, शाह का यह बयान बहुत कुछ बयां करता है. संभव है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति कोई नया मोड़ ले.
दिलचस्प बात यह भी है कि सचिन वाजे केस में महाराष्ट्र एटीएस की जांच गुजरात तक पहुंची थी. इसमें महाराष्ट्र एटीएस ने पाटण से किशोर ठक्कर नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है जबकि दमन के एक व्यापारी की वॉल्वो कार बरामद की थी. इस वाहन का इस्तेमाल सचिन वाजे किया करता था.
एनआईए को दक्षिण मुंबई के पांच सितारा होटल का सीसीटवी फुटेज भी मिला है जिसमें 16 फरवरी को सचिन वाजे ने डुप्लीकेट आधार कार्ड के जरिये होटल में एंट्री ली थी. उनके साथ 5 काले रंग की बैग थी, और एक गुजराती महिला थी जिसके हाथों में नोट गिनने की मशीन सीसीटीवी में देखी गई. जांच एजेंसी को शक है कि उन पांच काले रंग के बैगों में नोट भरे थे जिसे लेकर जांच चल रही है. इसकी जांच एनसीपी के अनिल देशमुख तक पहुंच सकती है.