दूसरी जाति की युवती से शादी करने पर समाज ने युवक पर लगाया 25 लाख का जुर्माना, गांव से किया बाहर
ओडिशा के कियोंझर में एक आदिवासी युवक को उसके गांव की एक कंगारू अदालत ने दूसरी जनजाति की लड़की से शादी करने और उसे घर लाने के लिए 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। हालांकि, 25 लाख रुपए का भुगतान करने में असमर्थ होने युगल को गांव छोड़ना पड़ा और कहीं दूसरे जगह रहना पड़ रहा है। यह घटना घासीपुरा थाना अंतर्गत खलियामेंटा पंचायत के नियालिझरां गांव की है।
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाला से बताया है कि संथाल जनजाति के 27 वर्षीय महेश्वर बस्के ने नागाडीही की एक लड़की से शादी की। उसकी दुल्हन जाहिर तौर पर किसी अन्य जनजाति या उप-जाति से थी। अपनी शादी के बाद, जोड़े ने कुछ दिन बाहर बिताए लेकिन 27 जुलाई को महेश्वर के पैतृक गांव लौट आए। ग्रामीणों ने इस तथ्य पर आपत्ति जताई कि दिहाड़ी मजदूरी करने वाले महेश्वर ने अपनी जनजाति के बाहर शादी की और इसलिए वे गांव में नहीं रह सकते। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी भी आदिवासी हैं और उन्होंने आपसी सहमति से शादी की, लेकिन ग्रामीण नवविवाहिता को स्वीकार करने के मूड में नहीं थे।
इसके बाद मामला गांव की एक कंगारू अदालत में पहुंचा और महेश्वर पर 25.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माने की राशि की गणना विभिन्न मदों में की गई थी। यदि दंपति ने भुगतान नहीं किया, तो ग्राम प्रधानों ने कथित तौर पर आदेश दिया कि उन्हें गांव के किसी भी सामाजिक, धार्मिक या अन्य कार्यों में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। महेश्वर जिसके पास संसाधन नहीं थे, उसने 25 लाख देने में असमर्थता व्यक्त की और दूसरे गांव में अपने चाचा के घर में शरण ली।
हालांकि मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई, लेकिन मामले की जांच शुरू कर दी गई है। घासीपुरा के प्रभारी निरीक्षक मनोरंजन बिसी ने कहा, हमें इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली, लेकिन हमने मामले की जांच के लिए एक टीम आदिवासी बहुल नियालिझरां गांव पहुंची है। ओडिशा सरकार की सुमंगल नामक एक योजना है जिसके तहत अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित किया जाता है ताकि सामाजिक एकीकरण को प्रोत्साहित करते हुए जातिगत पूर्वाग्रह और कलंक को समाप्त किया जा सके।