एनसीआर गाजियाबाद: सामाजिक संगठन 'जन आंदोलन' ने मंगलवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से ज्ञापन सौंपा है। संगठन ने मांग की है कि ग्राम दुजाना की खेती की जमीन हाईटेक सिटी (वेव सिटी) को दे दी गई। कंपनी का लाईसेंस निरस्त किया जाए। कम्पनी के अधिकार क्षेत्र से जमीन को क्रासिंग सिटी की तर्ज पर फ्री होल्ड किया जाए। दो प्रतिशत राजस्व गांवों के विकास कार्यों में लगाया जाए।
किसानों ने बताया कि गांव दुजाना, कचैड़ा वारसाबाद, तालिबपुर ऊर्फ हाथीपुर, गिरधरपूर और दुरियाई में जमीन खरीदते या बेचते वक्त सर्किल रेट से दो प्रतिशत अधिक शुल्क गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के नाम जाता है। यह पैसा गांवों में विकास कार्य करवाने के लिए वसूला जाता है। किसानों से यह शुल्क पिछले लगभग 23 वर्षों से वसूला जा रहा है लेकिन किसी भी गांव में जीडीए ने कोई विकास कार्य नहीं कराया है। किसानों से वसूले गए अरबों रूपये पर जीडीए कुंडली मारकर बैठा है। संगठन ने मांग की है कि अब तक किसानों से जो भी शुल्क वसूला गया है, उस धन से गांवों में विकास किया जाए।
किसानों ने जीडीए के उपाध्यक्ष से कहा कि हाईटेक सिटी लगभग 20 वर्षों से ग्राम दुजाना की उपजाऊ कषि भूमि को कौड़ियों के भाव मनमाफिक ढंग से खरीद रहा है। कम्पनी कानूनों की अनदेखी करके जनहित को नुकसान पहुंचा रहा है। घोर लापरवाही के कारण कम्पनी का लाईसेंस निरस्त किया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में ओमवीर सिंह आर्य एडवोकेट, मास्टर ब्रह्म सिंह नागर, महाराज सिंह नागर बाबा, देशराज नागर, सुखबीर नागर एडवोकेट शामिल रहे।