प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शीतगृह में सुबह से आलू भरने का काम किया जा रहा था। शीतगृह के कुछ समय पहले बने नए हिस्से में करीब 30 मजदूर आलू के बोरे रैक पर रख रहे थे। क्षमता से अधिक आलू भरने से करीब 11 बजे एक रैक गिर पड़ी। काम में लगे मजदूर संभल पाते कि इससे पहले ही छत भी गिर गई। मजदूर छत के मलबे और आलू के बोरों में दब गए। परिसर में मौजूद अन्य मजदूर मदद के लिए दौड़े लेकिन साथियों तक पहुंचने का रास्ता न होने से असहाय बनकर रह गए।
करीब आधे घंटे बाद पुलिस और दमकल टीमों ने राहत और बचाव की कोशिशें शुरू कीं। मजदूरों तक पहुंचने का रास्ता बनाने के लिए 12 जेसीबी, आठ हाइड्रा काम पर लगाई गईं। दोपहर बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी पहुंच गईं। मशीनों से मलबा हटाकर रात 1.45 बजे तक 15 मजदूरों को बाहर निकाला जा सका, जिनमें से पांच को मृत घोषित कर दिया गया। अन्य को इलाज के लिए भेजा गया। डीएम मनीष बंसल ने मामले की जांच एडीम के नेतृत्व में प्रशासन की टीम को सौंप दी है।