तो क्या एक और मर्डर करना चाहता था लॉरेंस बिश्नोई?

Update: 2022-06-06 02:17 GMT

पंजाब। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के पकड़े गए दो गुर्गों ने पुलिस के सामने बड़े राज उगले हैं. इनका कहना है कि गैंग का पहला टारगेट अमित डागर था, लेकिन जब वे उसको मारने में विफल हुए तो पहले सिंगर सिद्धू मूसेवाला को मारा गया. बता दें कि अमित डागर वही गैंगस्टर है जिसने लॉरेंस बिश्नोई से भी फिरौती मांग ली थी. लॉरेंस गैंग के ये दो गुर्गे राजस्थान के धौलपुर से पकड़े गए थे. अमित डागर का कनेक्शन कौशल गिरोह से बताया जाता है. पकड़े गए दोनों गुर्गों ने कौशल गैंग के गैंगस्टर अमित डागर की पंजाब में रैकी की थी. फिलहाल अमित डागर पंजाब में ही पुलिस रिमांड पर है. पिछले साल युवा अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या के बाद से ही लॉरेंस बिश्नोई और अमित डागर के बीच विवाद चल रहा है.

गैंगस्टर गंगाराम और संदीप (दोनों की उम्र 20 साल) को धौलपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इनके साथ पुलिस ने इनके आश्रयदाता पूर्व डकैत रामदत्त ठाकुर को भी गिरफ्तार किया था. दोनों गुर्गों पर हरियाणा के गुरुग्राम जिले के पटौदी थाने में हत्या के मामले में 15-15 हजार का इनाम घोषित है.

पुलिस उप अधीक्षक दीपक खंडेलवाल ने बताया कि लॉरेंस गिरोह के पकड़े गए दोनों गुर्गे दिनेश उर्फ़ गंगाराम और संदीप अहीर ने कौशल गिरोह के अमित डागर की पंजाब में रैकी कर उसकी हत्या करने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने मिड्डूखेड़ा की हत्या के केस में अमित डागर और भूप्पी राणा को गिरफ्तार कर लिया और मोहाली लेकर आ गई. ऐसे में अमित डागर के मर्डर की साजिश को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया था. इसके बाद दोनों शूटर राजस्थान के गंगानगर भाग गए. फिर सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या होने के बाद लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई के कहने पर दोनों धौलपुर के चम्बल के इलाके में पूर्व डकैत रामदत्त ठाकुर की शरण में फरारी काटने आए थे.

दिल्ली-गुरुग्राम के कौशल गिरोह के अमित डागर ने खुद को बड़ा गैंगस्टर बनाने के लिए लॉरेंस को ही धमकी देकर पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांग ली थी. फिरौती ना देने पर अमित डागर के गुर्गों ने लॉरेंस के साथ संबंध रखने वाली एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी की जयपुर में हत्या कर दी थी. बताया जाता है कि तब लॉरेंस ने पांच करोड़ रुपए की फिरौती भी अमित डागर को दे दी थी. सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद गैंगस्टर अमित डागर ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सुरक्षा की गुहार लगाई है.

अमित डागर पर 20 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. डागर ने याचिका में अपील की है कि उसे जेल से बाहर जांच के लिए या अदालत में पेश करने ले जाते समय बुलेट प्रूफ जैकेट और बुलेट प्रूफ वाहन का इस्तेमाल करने का पंजाब सरकार को आदेश दिया जाए.

कौशल प्रॉपर्टी डीलर का बेटा है. गैंगस्टर सुदेश उर्फ चेलू से साल 2004 में भूमि विवाद को लेकर इसने जुर्म की दुनिया मे कदम रखा. कौशल और चेलू ने एक दूसरे गिरोह के 9 लोगों का खात्मा किया. हत्याओं का सिलसिला 12 दिसंबर 2006 को जाकर तब जाकर रुका जब कौशल के गिरोह के सदस्यों ने सुदेश उफ़ चेलू को पुलिस कस्टडी में गुरुग्राम में राजीव चौक पर मार गिराया.

सात फरवरी 2016 को गुरुग्राम पुलिस ने मुंबई में संदीप गडोली का एनकाउंटर किया और बिंदर गुर्जर को गिरफ्तार किया. तभी से कौशल एक बड़े गैंगस्टर के तौर पर उभर पाया. वर्ष 2016 में कौशल पैरोल फरार हो गया और वर्ष 2019 में पकड़ा गया. इसके बाद से जेल में रहकर प्रॉपर्टी डीलर और व्यापारियों से उगाही शुरू कर दी. फिलहाल कौशल हरियाणा की जेल में बंद है.

पुलिस की गिरफ्त में गुर्गे दिनेश और संदीप ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह इंटरनेट कॉलिंग के जरिए ही गिरोह से जुड़े हुए हैं. उनकी लॉरेंस और गिरोह के अन्य सरगनाओं से कभी भी आमने-सामने की मुलाकात नहीं हुई है. हरियाणा के पटौदी में हत्या के मामले संलिप्त होने के बाद से दोनों गुर्गे यहां-वहां फरारी काट रहे थे. इस दौरान लॉरेंस के भाई अनमोल उर्फ जैक ने इन दोनों गुर्गो को इंटरनेट कॉलिंग पर ही दोनों को धौलपुर जिले के राजाखेड़ा इलाके में पूर्व रातदत्त ठाकुर से मिलने के निर्देश दिए थे.


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