नैनीताल में चारों ओर आग से धुआं ही धुआं

उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग भीषण हुई

Update: 2024-04-29 05:02 GMT

नैनीताल: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग भीषण हो गई है. जबकि कुमाऊं में जंगल जल रहे हैं. आग लगने की घटनाएं लगातार जारी हैं. पिछले 24 घंटों में कुमाऊं के जंगलों में एक-दो नहीं बल्कि 26 बार आग लगी है. राज्य में 31 स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुई हैं, जिनमें कुमाऊं में सबसे अधिक 26 स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुई हैं। गढ़वाल मंडल में कोई घटना नहीं हुई, जबकि वन्य जीव क्षेत्र में पांच स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में करीब 34 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान पहुंचा है. वहीं, नवंबर 2023 से अब तक राज्य में जंगल में आग लगने की 575 घटनाएं हुई हैं, जिससे लगभग 690 हेक्टेयर क्षेत्र में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।

इस साल बारिश और बर्फबारी की कमी के कारण गर्मी बढ़ने लगी है. बढ़ते तापमान के बीच नैनीताल और आसपास के जंगलों में भीषण आग लग गई है. खड़ी पहाड़ियों में लगी आग के कारण कई स्थानों पर वन विभाग और अग्निशमन विभाग की टीमें भी आग नहीं बुझा सकीं। जिससे जंगल जलकर राख हो गए हैं. अब आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है.

वनाग्नि रोकथाम पर समीक्षा बैठक करेंगे सीएम: सीएम पुष्कर सिंह धामी शनिवार को हल्द्वानी आएंगे। अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री शनिवार को अपराह्न 3:30 बजे काशीपुर हेलीपैड से प्रस्थान कर 3:45 बजे वन प्रशिक्षण अकादमी पहुंचेंगे। यहां वन प्रशिक्षण अकादमी के सभागार में पेयजल प्रबंधन एवं वनाग्नि रोकथाम की समीक्षा बैठक होगी। समस्याग्रस्त क्षेत्रों का भी निरीक्षण करेंगे। इसके बाद 5:45 बजे एफटीआई हेलीपैड से खटीमा के लिए प्रस्थान करेंगे.

वहीं, गढ़वाल मंडल के टिहरी, पौडी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में जंगल धधकते रहते हैं. ज्यादातर चीड़ का जंगल होने के कारण आग तेजी से फैल रही है। वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हैं. एक जगह आग बुझती है तो दूसरी जगह भड़क उठती है। आग से बड़ी मात्रा में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है. साथ ही पशुओं के लिए चारे की भी समस्या उत्पन्न हो गयी है.

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