हालात बद से बदतर: बाढ़ में फंसी लाचार बूढ़ी महिला, पत्रकार से ही मांगने लगी रोटी, फिर...

बाढ़ के पानी ने मकानों और लोगों के घरों के चारों तरफ घेरा डाल रखा है.

Update: 2021-09-01 04:39 GMT

ब‍िहार के वैशाली जिले में बाढ़ ने कुछ ऐसे हालात बना दिया हैं क‍ि हर तरफ लाचारी की तस्वीर नजर आ रही है. वैशाली जिले के भगवानपुर, बेलसर और लालगंज के बड़े इलाके में बाढ़ के हालात ने सब कुछ डुबो कर रख दिया है. इलाके के खेत- खलिहान और सड़कें डूब चुकी हैं. बाढ़ के पानी ने मकानों और लोगों के घरों के चारों तरफ घेरा डाल रखा है.

लोगों का आरोप है कि सरकार ने इलाके में राहत का कोई इंतजाम नहीं किया है. ऐसे में सबसे मुश्किल खाने-पीने को लेकर हो रही है. इस तरह के हालातों ने बुजुर्गों और बूढ़ों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है.
इसी इलाके में थोड़ी ही दूर पर दिल में टीस पैदा कर देने वाली तस्वीर दिखी. बाढ़ के बीच फंसी बूढ़ी से जब हमने सवाल किया तो बुजुर्ग महिला रोने लगी. बेबस इंदु से हाल पूछा गया तो वह फफक-फफक कर रोने लगीं और सवाल-जवााब से पहले बस एक रोटी देने की गुजारिश करने लगी.
85 साल की इंदु देवी ने बताया की बाढ़ के पानी में घर, मकान, चूल्हा-चौका सब डूब गया है. खाने को कुछ नहीं है...कहते-कहते इंदु रोटी मांगने लगी. इंदु देवी ने पत्रकार से बात करते हुए कहा, "जे दिक्कत है से देखइले... ऐ गो रोटियों कउनो दे देत र... खा लेती मुंह में... कुछ नी हमरा... ( फफक-फफक कर रोने लगी )... कुछो खाये के व्यवस्था न है... चुलही चौका सब हमर धंस गेल ... दो गो रोटी लेले ऐति त बांट देती रउरा..."
बेलसर के ऐसे ही इलाके में बाढ़ के पानी में घिरी 80 साल कबूतरी देवी मिलीं. कबूतरी देवी पिछले 8 दिनों से अपनी झोपड़ी में खाट पर अकेली बैठी है और बाढ़ के जाने का इन्तजार है. पानी से बचने के लिए खाट को 5 ईंटो का सहारा देकर मचान बनाया है जिसपर कबूतरी बाढ़ की बेबसी को निहारती मिलीं.
कबूतरी ने बताया की 4 बेटे हैं जो आसपास में बाढ़ के हालात में फंसे हैं. बेटे आकर कुछ खाने को दे जाते है, बस उसी पर गुजारा हो रहा है.
बता दें क‍ि गंगा के साथ गंडक और अन्य छोटी नदियों में आए उफान ने बिहार में बाढ़ के बेहद खराब हालात बना दिए हैं. हालात को और भी खराब बना रही है लापता सरकारी मशीनरी, जो इस मुश्किल हालात में कहीं नजर नहीं आ रही. 
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