Sirohi डेंगू का डंक न लगे, बड़ों के साथ बच्चों का भी रखें ख्याल

Update: 2024-09-27 10:57 GMT
Sirohi. सिरोही। जिले बरसाती पानी की लम्बे समय तक निकासी नहीं होने। जलाशयों में पानी होने से डेंगू के मरीज बढ़ रहे है। जिले में अभी तक डेंगू के 25 मरीज सामने आ चुके हैं।इनमें से तीन बच्चे है। पाली में अभी तक डेंगू से बच्चों या बड़ों का स्वास्थ्य बिगड़ने के केस सामने नहीं आए है। इसके बावजूद सतर्कता बरतना जरूरी है। डेंगू के लक्षण दिखने के बाद इलाज में देरी होने पर बच्चों का स्वास्थ्य अधिक खराब हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह से पाली शहर के साथ जिले में मच्छरों की संख्या बढ़ी है। उससे डेंगू व मलेरिया के मरीज भी बढ़ सकते है। उधर, मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बांगड़ चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में बुखार, जुकाम व खांसी आदि से पीड़ित मरीज बच्चों की संख्या बढ़ी है। डेंगू में बच्चों को तेज बुखार 3-7 दिन तक
रह सकता है।


सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द हो सकता है। कई बच्चों में उल्टी और दस्त, डिहाइड्रेशन की शिकायत होती है। डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी होने पर ब्लीडिंग का खतरा रहता है। डेंगू हेमोरेजिक बुखार की गंभीर अवस्था में बच्चे में ब्लीडिंग के साथ ही ऑर्गन फेलियर भी हो सकता है। वहीं डेंगू डेंगू शॉक सिंड्रोम होने पर बीपी कम हो जाता है और ऑर्गन फेलियर का खतरा रहता है।डेंगू में बच्चों को तेज बुखार 3-7 दिन तक रह सकता है। सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द हो सकता है। कई बच्चों में उल्टी और दस्त, डिहाइड्रेशन की शिकायत होती है। डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी होने पर ब्लीडिंग का खतरा रहता है। डेंगू हेमोरेजिक बुखार की गंभीर अवस्था में बच्चे में ब्लीडिंग के साथ ही ऑर्गन फेलियर भी हो सकता है। वहीं डेंगू डेंगू शॉक सिंड्रोम होने पर बीपी कम हो जाता है और ऑर्गन फेलियर का खतरा रहता है।
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