सिंघु बॉर्डर: संयुक्त किसान मोर्चे की मीटिंग खत्म, बुधवार को फिर होगी केंद्र के प्रस्ताव पर चर्चा
नई दिल्ली: केंद्र की ओर से भेजे गए मसौदा प्रस्ताव को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर काफी विचार-विमर्श किया. पूरी तरह सहमति न बनने की वजह से अब बुधवार को एक बार फिर बैठक आयोजित की जाएगी. माना जा रहा है कि दिल्ली बॉर्डर पर पिछले एक साल से जारी किसान आंदोलन समाप्त हो सकता है. एक बड़ा वर्ग आंदोलन वापस लेने के पक्ष में है. किसान संगठन कल बैठक के बाद इस आंदोलन को खत्म करने की घोषणा कर सकते हैं.
केंद्र सरकार के मसौदे के अनुसार, संयुक्त किसान मार्चो के 5 सदस्य एमएसपी पर बनने वाली कमेटी में शामिल किए जाएंगे. वहीं, सरकार ने एक साल के भीतर किसानों पर दर्ज किए गए मामलों को भी वापस लेने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा, इस मसौदे में पंजाब मॉडल पर मुआवजा देने की बात भी है. हालांकि, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा और उसके पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाने के अलावा बिजली बिल को लेकर कोई सकारात्मक बात नहीं हुई है.
आंदोलन की वापसी पर किसान नेता कुलवंत सिंह संधू का कहना है कि इस बारे में बुधवार को निर्णय लिया जाएगा. केंद्र की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव के मसौदे पर अभी पूरी तरह सहमति नहीं बनी है. समिति सिंघु बॉर्डर पर चल रही बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के पूर्ण निकाय के साथ मसौदा साझा कर रही है.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का मानना था कि सरकार कुछ लोगों को बुलाकर किसानों को तोड़ने की कोशिश कर रही थी. इसलिए उनकी ओर से 5 लोग बातचीत के लिए तय किए गए हैं. अगर सरकार बातचीत के लिए बुलाती है तो किसान संगठनों की ओर से यही 5 सदस्य जाएंगे. यही 5 सदस्य मोर्चा की बैठक में बात रख रहे हैं और आगे की रणनीति तय कर रहे हैं. बता दें कि केंद्र सरकार से बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 सदस्यों का पैनल बनाया है. इसमें उत्तर प्रदेश के युद्धवीर सिंह के अलावा मध्य प्रदेश से शिव कुमार कक्का, पंजाब से बलवीर राजेवाल, महाराष्ट्र से अशोक धावले और हरियाणा से गुरनाम सिंह चढ़ूनी का नाम शामिल है.
किसानों की मांगें?
- MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए.
- आंदोलन के दौरान शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले.
- किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए.
- बिजली बिल और पराली बिल को निरस्त किया जाए.
- लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए.