SIM स्वैप: निजी कंपनी के मालिक को बनाया शिकार, 7.5 करोड़ का चूना

जांच जारी.

Update: 2024-12-25 06:47 GMT
सांकेतिक तस्वीर
मुंबई: मुंबई (Mumbai) में एक निजी कंपनी के मालिक से SIM स्वैप धोखाधड़ी के जरिए 7.5 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस को मामले की शिकायत मिली तो त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों से करीब 4.65 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए हैं. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.
एजेंसी के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कांदिवली में सोमवार को एक प्राइवेट कंपनी के मालिक को साइबर ठगों ने SIM स्वैप धोखाधड़ी का शिकार बना लिया. इसमें ठगों ने कंपनी के बैंक अकाउंट तक पहुंचने के लिए उनके मोबाइल नंबर से जुड़ी SIM का इस्तेमाल किया. इसके बाद बैंक द्वारा भेजे गए OTP का इस्तेमाल कर कई बार पैसों का ट्रांजेक्शन किया.
जब कंपनी के मालिक को इस बारे में पता चला तो मालिक ने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर मामले की जानकारी दी और अवैध ट्रांजेक्शन्स की डिटेल्स भी भेजीं. साइबर क्राइम ब्रांच ने तुरंत संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क किया और शिकायत को NCCRP (National Cyber Crime Reporting Portal) पर भी दर्ज किया.
साइबर पुलिस टीम ने धोखाधड़ी के चार घंटे के भीतर 4.65 करोड़ रुपये को फ्रीज कर दिया. हालांकि, ठगों ने ज्यादातर राशि पहले ही निकाल ली थी. पुलिस ने बताया कि राशि को विभिन्न अकाउंट्स में ट्रांसफर किया गया था, जिसके बाद धोखाधड़ी का यह मामला सामने आया.
दरअसल, SIM स्वैप धोखाधड़ी एक प्रकार की आइडेंटिटी की चोरी करना है, जिसमें ठगी करने वाले मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे असली मोबाइल नंबर से जुड़ी SIM कार्ड का स्वैप कर रहे हैं. इससे उन्हें बैंक के OTPs तक पहुंच मिल जाती है. ऑनलाइन बैंक अकाउंट्स को कंट्रोल करने लगते हैं.
पुलिस विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ त्वरित और सख्त कदम उठाए हैं. पुलिस ने इस घटना के बाद नागरिकों से सावधान रहने की अपील की है और यह भी कहा कि किसी भी संदिग्ध लेन-देन के बारे में तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर सूचना दी जानी चाहिए. साइबर धोखाधड़ी के मामलों में समय पर कार्रवाई ही नुकसान को कम कर सकती है.
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