अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण: होंगे 14 दरवाजे और 25 हजार दर्शनार्थियों के सामान रखने की होगी व्यवस्था

Update: 2022-06-22 01:53 GMT

सोर्स न्यूज़  - आज तक  

यूपी। अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल में कुल 14 दरवाजे होंगे. प्रथम तल पर गर्भगृह होगा, जहां रामलला विराजमान होंगे. उस दरवाजे को छोड़कर 13 दरवाजे श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए होंगे.इन दरवाजों की डिजाइन और धातुओं का चयन हो चुका है. मंदिर का प्रथम तल जनवरी 2024 में राम भक्तों को दर्शन के लिए खोला जा सकता है.

अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए चरणबद्ध योजना बनाई गई है. प्लिंथ का कार्य लगभग पूरा होने वाला है. राम मंदिर के लिए तराशी गई शिलाओं को तांबे की पत्तियों से जोड़ा जा रहा है. दिसंबर 2023 तक श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है. जनवरी के दूसरे सप्ताह में रामलला को अस्थायी मंदिर से भव्य और दिव्य मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित करने का प्लान है. प्रथम तल में दर्शनार्थियों के आने जाने के लिए 13 दरवाजे होंगे. जबकि 14 वां दरवाजा गर्भगृह का होगा. इन दरवाजों की डिजाइन और धातुओं का चयन हो चुका है. इसी के साथ जब प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा होगा, उस समय 2500 दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए व्यवस्था होगी. इन व्यवस्थाओं में विश्राम करने और बैठकर खाने-पीने की व्यवस्था भी शामिल होगी. इसी के साथ साथ गर्भगृह और मंदिर के फर्श की डिजाइन और राम जन्मभूमि परिसर के भू-स्थलीय विकास पर भी चर्चा हुई है.

वहीं, इन दिनों श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लिए अलग अलग जगहों से आए कुल 22 करोड़ के चेक बाउंस होने की खबरों पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्र ने बताया कि अभी तक श्री राम जन्मभूमि मंदिर के लिए 3200 करोड़ की धनराशि बैंक खाते में आ चुकी है. उन्हें करोड़ों के चेक बाउंस होने को लेकर कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने सवाल भी किया कि देश के अलग-अलग बैंकों में सहयोग राशि आ रही है. बाउंस हुए चेकों का विवरण आपको कहां से मिला. उन्होंने ट्रस्ट कार्यालय के व्यवस्थापक द्वारा दी गई जानकारी को भी भ्रामक बताया. कहा इसका विवरण या तो अकाउंट विभाग बता सकता है या फिर बैंक बता सकता है. वहीं दूसरी तरफ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कहा कि जो राम भक्त सहयोग राशि का चेक देते हैं कभी-कभी उसमें तकनीकी गलतियां हो जाती हैं. जिसके कारण चेक बाउंस हो जाते हैं. इतने बड़े काम में यह छोटी बात है.

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