डॉ. पांडा का मानना है कि भारत की तैयारी अच्छी है. अपनी इस बात के लिए कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) के जिनोमिक विविधताओं (Genomic Variations) पर निगरानी रखने के लिए भारत सरकार ने एक बहु-प्रयोगशाला (Multi Laboratory), बहु-एजेंसी (Multi Agency), अखिल भारतीय नेटवर्क (Pan India Network) INSACOG लेब नेटवर्क का उदाहरण देते हैं. इस नेटवर्क के तहत देशभर में फैली अलग-अलग लैब में कोविड पॉजिटिव रोगियों के सैंपल भेजे जाते हैं, ताकि वह वायरस के जेनेटिक मेकअप की पहचान के लिए स्टडी कर पाएं. इससे वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन की पहचान में मदद मिलती है. उन्होंने कहा ये लैब संक्रमण के लिए जिम्मेदार अलग-अलग वेरिएंट की पहचान करने में माहिर हैं.
अगर आपको लगता है कि आपने दोनों वैक्सीन ले ली हैं और अब आप निश्चिंत होकर कहीं भी बिना मास्क के घूम सकते हैं तो डॉ. पांडा की भी इस बारे में राय पढ़ लें. डॉ. पांडा ने कहा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वैक्सीन हमें पूरी तरह से सुरक्षित नहीं रख सकती है, भले ही हमने दोनों वैक्सीन लगवा ली हों. अगर आप कोविड-19 के लिए निर्धारित सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और बार-बार साबुन व पानी से हाथ धोना जैसी जरूरी बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो आप कभी भी कोरोना वायरस ने नए-नए वेरिएंट से भी संक्रमित हो सकते हैं. इससे बचने के उपाय आप जानते ही हैं, भीड़भाड़ में जाने से बचें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और अन्य जरूरी बातों का भी ध्यान रखें.
इसका मतलब यह भी नहीं है कि वैक्सीन लगाने से कोई फायदा नहीं है. बल्कि डॉ. पांडा का कहना है कि वैक्सान आपको दोबारा संक्रमण से भले न बचा पाए, लेकिन इससे हो सकता है गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत न आए और मृत्यु का खतरा भी कम हो सकता है. इसलिए अगर आपने अभी तक भी वैक्सीन नहीं लगवाई है तो जल्द से जल्द वैक्सीन लगवा लें. कई जानकार ओमिक्रोन की संक्रामकता को लेकर बड़े चिंतित हैं. अगर यह भारत में दूसरी लहर लाने वाले डेल्टा वेरिएंट की तरह फैला तो इससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं. गंभीर मामले न होने के बावजूद भी इससे रोगियों की संख्या बढ़ सकती है. जिनको पहले से ही कुछ बीमारियां हैं, उनमें मृत्यु का खतरा भी हो सकता है.
आजकल हर कोई बूस्टर डोज की बात कर रहा है. इस पर डॉ. पांडा ने एनडीटीवी से कहा, इस समय पहली प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा लोगों को दो वैक्सीन देने की है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत है, उन्हें यह दिया जा सकता है, लेकिन फिलहाल सभी लोगों को दो वैक्सीन देने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है… पहली प्राथमिकता देश की पूरी जनसंख्या को दो वैक्सीन से इन्यूनाइज करने की है.