अमीरों को झटका: बजट 2021 से जुड़ी हुई सबसे बड़ी खबर, कोरोना के नाम पर केंद्र सरकार उठा सकती है ये कदम

Update: 2021-01-11 08:45 GMT

नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की वजह से अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए सरकार कोविड-19 सेस (COVID-19 Cess) लगाने की तैयारी में है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से इस बारे में जानकारी सामने आई है. सरकार इसपर विचार कर रही है. हालांकि, अभी तक यह फैसला नहीं लिया गया है कि इसे सेस या सरचार्ज के रूप में लागू किया जाएगा. बजट में ऐलान से ठीक पहले इस बारे में अंतिम फैसला लिया जा सकता है.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया, 'इस बारे में एक प्रस्ताव पर चर्चा हो चुकी है. इस पर शुरुआती दौर में एक चर्चा पर छोटा सेस लगाने की बात कही गई है. ज्यादा इनकम के दायरे में आने और कुछ इनडायरेक्ट टैक्स के रूप में इसे लगाया जा सकता है.' रिपोर्ट में यह भी कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल ओर डीज़ल या कस्टम ड्यूटी पर भी सेस लगा सकती है.
कोविड-19 वैक्सीन लगाने का खर्च केंद्र सरकार उठा रही है. हालांकि, कोविड-19 वैक्सीन डिस्ट्रिब्युशन, मैनपावर ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स का बोझ राज्यों पर है. कोविड सेस के जरिए केंद्र सरकार जल्द से जल्द फंड्स जुटा सकेगी. अगर केंद्र सरकार सीधे टैक्स के रूप में यह खर्च वूसलती तो इसके विरोध की संभावना होती. साथ ही, केंद्र सरकार को इसका एक हिस्सा राज्यों को भी देना होता है. लेकिन सेस से आने वाली रकम पूरी तरह से केंद्र सरकार की होती है.
शुरुआती अनुमान के मुताबिक, कोरोना वायरस वैक्सीन रोलआउट पर करीब 60,000 से लेकर 65,000 रुपये तक का खर्च होगा. 9 जनवरी को सरकार ने कहा है कि वो 16 जनवरी से राष्ट्रव्यापी स्तर पर कोविड-19 वैक्सीनेशन शुरू करेगी. इसके लिए 3 कोर हेल्थकेयर ओर फ्रंंटलाइन वर्कर्स को वरीयता दी जाएगी.
सरकार ने यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए उच्च स्तरीय बैठक में लिया है. पीएम मोदी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैक्सीनेशन की तैयारियों का जायज़ा भी लिया है.
बता दें कि हाल ही में भारत ने दो कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दी है. इसमें से पहली वैक्सीन ऑक्सपोर्ड की कोविशील्ड है, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट तैयार कर रही है. दूसरी वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है.

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