ट्रांसपोर्टेशन पर निजी स्कूलों को झटका

Update: 2024-05-10 11:18 GMT
हमीरपुर। प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों की ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था को भारी झटका दिया है। दरअसल निजी स्कूलों के ट्रांसपोर्ट की फीस को दोगुना से अधिक कर दिया गया है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों पर जहां आर्थिक बोझ पड़ेगा, तो स्वभाविक है कि स्कूल प्रबंधन इसकी वसूली बच्चों के अभिभावकों से करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि इसका सीधा असर जनता पर भी पड़ेगा। परिवहन विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार इस साल से स्कूलों की बसों के स्टेट रोड टैक्स, परमिट रिन्यू फीस और पासिंग फीस में भारी भरकम वृद्धि की गई है। परिवहन विभाग के नए फीस स्ट्रक्चर ने स्कूल प्रबंधकों के होश उड़ाकर रख दिए हैं। प्राइवेट स्कूलों की मानें, तो स्कूलों की बसों का एसआरटी (स्टेट रोड टैक्स) 9000 से बढ़ाकर सीधा 20500 रुपए कर दिया गया है।

स्कूली बसों से प्रति सीट के 500 रुपए वसूले जा रहे हैं। यही नहीं, स्कूल बसों की परमिट रिन्यू फीस में भी इजाफा करते हुए इसे 1350 रुपए से बढ़ाकर 3080 रुपए कर दिया गया है। वहीं, पासिंग फीस में भी बढ़ोतरी की गई है। जहां पहले बसों की पासिंग फीस के 350 रुपए भरने पड़ते थे, अब 2150 रुपए देने पड़ रहे हैं। स्कूल प्रबंधन भी परिवहन विभाग के इन आदेशों से न केवल परेशान हैं, बल्कि वे सरकार से भी नाराज नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि महंगाई के दौर में पहले ही स्कूल चलाना मुश्किल होता जा रहा है। ऊपर से ट्रांसपोर्ट की फीस एक साथ इतनी अधिक बढ़ाकर उनकी दिक्कतें और बढ़ गई हैं। आरटीओ हमीरपुर अंकुश शर्मा का कहना था कि अब सारा सिस्टम ऑनलाइन हो गया है। हो सकता है थोड़ी फीस बढ़ाई गई हो, लेकिन फिलहाल अभी मेरे ध्यान में यह मामला नहीं आया है।
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