कोर्ट से पुलिस को झटका, आरोपी के खिलाफ 10 साल में गवाह पेश करने में असफल, जानें पूरा केस

एसएसपी को भी पत्र लिखा गया।

Update: 2024-04-27 05:05 GMT
पटना: पुलिस टीम पर गोली चलाने के आरोपित के खिलाफ पिछले दस वर्षों में पुलिस और अभियोजन एक भी गवाह कोर्ट में पेश नहीं कर सका। पटना सिविल कोर्ट अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार-2 ने गुरुवार को साक्ष्य के अभाव में आरोपित संजय राय उर्फ लक्ष्मण राय उर्फ राजू को हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट के आरोप से बरी कर दिया।
फैसले में कहा गया कि इस कांड के अभियोजन गवाहों को कोर्ट में उपस्थित होकर साक्ष्य देने के लिए समन व वारंट भेजा गया। एसएसपी को भी पत्र लिखा गया। इसके बाद भी पुलिस ने इस कांड में पिछले दस वर्ष में एक भी गवाह पेश नहीं कर सकी। साल 20 अगस्त 2009 की शाम को फुलवारीशरीफ पुलिस को सूचना मिली की कुछ अपराधी आरके नगर मोहल्ले में आपराधिक वारदात को अंजाम देने के लिए इकह्वा हुए हैं। इस पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और अपराधियों की धर-पकड़ के लिए घेराबंदी करने लगी। तभी अपराधी पुलिस टीम पर गोली चलाने लगे। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक आरोपी संजय राय के पैर में गोली लगी और वह जख्मी हो गया।
तत्कालीन फुलवारीशरीफ थानेदार ने दर्ज कराया था केस फुलवारीशरीफ थाने के तत्कालीन थानेदार बलराम प्रसाद ने स्वयं घटना के संबंध में केस दर्ज कराया था। घटनास्थल से जिंदा और खाली कारतूस, दो मोबाइल, मोटरसाइकिल और पुलिस की गोली से जख्मी संजय राय के पास कट्टा बरामद किया था। इस मामले में पुलिस ने उक्त आरोपित पर हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट के तहत चार्जशीट दायर की थी।
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