रामपुर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान एक और मामले में दोषी करार दिए गए हैं। ऐसे में इस मामले में भी उन्हें सजा तय हो गई है। रामपुर की अदालत ने एक व्यक्ति का घर जबरन खाली कराकर उसे ध्वस्त करवाने के आठ साल पुराने एक मामले में आजम खान को दोषी करार दिया है। खान इस वक्त सीतापुर जेल में बंद हैं और वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग के जरिये उनकी पेशी हुई। अदालत ने तत्काल सजा का ऐलान नहीं किया है। इसी तरह के एक अन्य मामले में आजम खान को पहले भी दो साल की सजा हो चुकी है।
खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि जबरन मकान खाली करवाकर उसे ध्वस्त करवाने के मामले में विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने पूर्व मंत्री को दोषी करार दिया है। उन्होंने बताया कि डूंगरपुर बस्ती के निवासी अबरार नामक व्यक्ति ने छह दिसम्बर 2016 को गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आजम खान, सेवानिवृत्त पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन और ठेकेदार बरकत अली पर घर में घुसकर लूटपाट और मारपीट करने का आरोप लगाया गया था।
यह भी आरोप था कि जबरन घर खाली करवाकर उसे ध्वस्त करा दिया गया था। शर्मा ने बताया कि खांन विभिन्न मामलों में इस वक्त सीतापुर जेल में बंद हैं और आज वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिये उनकी पेशी हुई।
शहर के चर्चित डूंगरपुर प्रकरण के नाम से मशहूर इस मामले में लंच से पहले मंगलवार को लिखित बहस कोर्ट में दाखिल कर दी थी। सपा शासनकाल में गंज कोतवाली क्षेत्र के डूंगरपुर में बस्ती को खाली कराया गया था।
यहां के कुछ बाशिंदों ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान के इशारे पर तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन तमाम फोर्स और आजम खान के समर्थकों, सपा के स्थानीय नेताओं के साथ उनके मुहल्ले में आए और जबरन घर खाली कराए गए।
आरोप है कि इन लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी और लूटपाट कर उनके घरों को खाली कराया था। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद पीड़ितों की तहरीर पर मुकदमें दर्ज किए गए। जिनकी सुनवाई आजकल एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चल रही है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा सिंह राणा ने बताया कि पिछली तारीख पर कोर्ट ने बचाव पक्ष को आदेश दिया था कि बचाव पक्ष चाहे तो 28 मई को लंच से पहले बहस के लिए लिखित प्रार्थना पत्र दे सकता है। इसके चलते बचाव पक्ष ने लिखित बहस ही लंच से पहले दाखिल कर दी थी।