एसएचओ जगत नारायण सिंह लोगों के निशाने पर, जानें क्या है माजरा

संदिग्ध हालत में मौत के बाद पुलिस घेरे में है.

Update: 2021-10-01 07:56 GMT

गोरखपुर: गोरखपुर में कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की संदिग्ध हालत में मौत के बाद पुलिस घेरे में है. परिवार और चश्मदीदों का आरोप है कि पुलिसवालों ने मनीष गुप्ता के साथ मारपीट की थी, जिससे उनकी मौत हुई. कुल छह पुलिसवाले सस्पेंड भी किए गए हैं. मामले के तूल पकड़ने के बाद एसएचओ जगत नारायण सिंह भी सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर हैं. सस्पेंड होने वाले पुलिसवालों में उनका नाम है. लोग इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह को 'नकद नारायण सिंह' तक कह रहे हैं.

हत्याकांड में गोरखपुर पुलिस का नाम आने के बाद पूरा सिस्टम मानों हिल गया है. सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट हैं जिनमें इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह का नाम 'नकद नारायण सिंह' कहा जा रहा है.
मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस और सवालों के घेरे में आ गई थी. इसमें मनीष की बॉडी पर चोट के निशान मिले थे. मामले में रामगढ़ ताल थाने के इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह को मुख्य आरोपी माना जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोग दावा कर रहे हैं कि जगत नारायण सिंह अपने कारनामों की वजह से वहां पहले भी चर्चा में रहे हैं.
इंस्पेक्टर जगत नारायण के साथ-साथ गोरखपुर के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पर भी जमकर पक्षपात का आरोप लग रहा है.
जगत नारायण सिंह गोरखपुर में नकद नारायण सिंह के नाम से चर्चा में रहे हैं. 'ओ मिस्टर, आई एम इंस्पेक्टर, हू आर यू' जगत नारायण का सबसे चर्चित डायलॉग है. ऐसा भी कहा जाता है कि जगत नारायण सिंह बिना 'वांछित' के कोई नाम नहीं करते. यहां वांछित का मतलब रुपये (रिश्वत) से है. जगत नारायण सिंह आउट आफ टर्न प्रमोशन भी पा चुके हैं.
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