भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऑनलाइन लोन के जाल में फंसकर एक परिवार के चार लोगों द्वारा मौत को गले लगाने के मामले के बाद राज्य सरकार मामले की जांच के लिए एसआईटी बना रही है। वहीं, केंद्र सरकार से आग्रह करेगी कि ऑनलाइन लोन ऐप पर रोक लगाई जाए।
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए भोपाल में दो बच्चो को जहर देने और फिर दंपत्ति द्वारा आत्महत्या किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भोपाल में परिवार के सुसाइड मामले में एसआईटी का गठन किया जा रहा है। परिवार को प्रताड़ित करने वाले सभी लोगों को चिन्हित कर रहे हैं, जिन नंबरों से फोन आए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगें। ऐसे लोन वाली एप्लीकेशन को बैन करने के लिए केंद्र सरकार से भी आग्रह करेंगें।
ज्ञात हो कि रातीबड़ की शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले 38 वर्षीय भूपेंद्र विश्वकर्मा, उनकी पत्नी रितु और दो बेटे ऋतुराज (3) और ऋषिराज (9) के शव मिले थे। जांच में पता चला कि दंपत्ति ने पहले दोनों बच्चों को जहर दिया था और उसके बाद फांसी के फंदे से लटककर खुदकुशी की थी।
भूपेंद्र ने गुरुवार की अलसुबह अपनी भतीजी को व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट भेजा था। साथ ही पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सेल्फी खींचकर भी भेजी। इस फोटो पर उसने लिखा था यह मेरी आखिरी फोटो है, आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे।
भूपेंद्र ने जो सुसाइड नोट लिखा है, उसमें कर्ज का तो जिक्र है, उसने यह भी बताया कि ऑनलाइन लोन के चलते वह मुसीबत में पड़ गया है और यह कदम उठा रहा है। चारों मृतकों के शव उनके रीवा जिले के गांव भेजे गए। जहां शवों को सड़क पर रखकर गांव के लोगों ने प्रदर्शन किया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी घटना पर दुख जताते हुए कहा, भोपाल में विश्वकर्मा दंपत्ति द्वारा दोनों बच्चों को मारकर आत्महत्या करने की स्थिति बन जाना बहुत ही दुखद है। यह पूरे समाज के लिए कलंक एवं हमारी व्यवस्था के लिए शर्मनाक है। कोई परिवार असहाय होकर स्वयं को नष्ट कर ले, सारी दुनिया व सारी व्यवस्था किस काम की। मेरी दुखद श्रद्धांजलि।