नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों में लाउड स्पीकर पर शुरू हुआ घमासान जारी है. यूपी में धार्मिक स्थलों से अब तक करीब 10,923 लाउडस्पीकरों को उतारा जा चुका है. वहीं करीब 35,221 लाउडस्पीकरों की आवाज कम कर तय मानक के अनुसार कर दी गई है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया है कि पूरे प्रदेश में बिना किसी भेदभाव के यह अभियान चलाया जा रहा है.
लाउडस्पीकर पर मची रार के बाद शिवपाल यादव ने भी इस मामले में टिप्पणी की है. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर इस पूरे फसाद की जड़ कौन है. इतना ही नहीं, शिवपाल ने कहा कि हमारे देश में गंगा-जमुनी तहजीब रही है. इसके चलते यहां भजनों की आवाज गूंजती रही है, पर इस पर सवाल नहीं उठे.
बता दें कि शिवपाल यादव ने ट्वीट कर रहा कि सैकड़ों सालों से देश की गंगा-जमुनी तहजीब में भजन, कीर्तन, अजान और गुरुवाणी के स्वर सहअस्तित्व के साथ गूंजते रहे हैं. लाउडस्पीकर के आविष्कार के बहुत पहले से ऐसा होता आया है. लेकिन किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया.
शिवपाल यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि ईश्वर न तब बहरा था और न अब बहरा है, बुनियादी सवाल ये है कि अचानक शुरू हुए इस फसाद की जड़ कौन है?
बताते चलें कि यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रदेश में जिन लाउडस्पीकरों को हटाया गया है, वे बिना अनुमति बजाए जा रहे थे. वहीं गृह विभाग ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर जिलों से 30 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी है.
वहीं मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कुछ समय पहले प्रदेश की उद्धव ठाकरे सरकार से मांग की थी कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाए जाएं, नहीं तो वह मस्जिदों के सामने तेज आवाज में लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे.