नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आखिरकार संजय राउत (Sanjay Raut) को गिरफ्तार कर लिया है. ED ने PMLA के तहत आधी रात यानी 12 बजे संजय की गिरफ्तारी दिखाई है. रात साढ़े 12 बजे संजय के भाई सुनील राउत ईडी दफ्तर पहुंचे. बाद में सुनील अपने साथ एक बैग लेकर वापस अंदर गए. ईडी ने संजय को रविवार शाम को कथित तौर पर हिरासत में लिया था.
संजय राउत की गिरफ्तारी के बारे में भाई सुनील राउत ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ईडी संजय राउत से डरती है, इसलिए गिरफ्तार कर लिया है. सुनील ने कहा कि फर्जी दस्तावेज के सहारे संजय राउत को पात्रा चॉल से जोड़ने की कोशिश हो रही है. यह गिरफ्तारी सिर्फ उनकी आवाज को दबाने के लिए की गई है. जो भी पैसा (10 लाख) मिला है, वो शिवसैनिकों के अयोध्या दौरे का था. उस पैसे पर एकनाथ शिंदे अयोध्या यात्रा भी लिखा है. ईडी दफ्तर के बाहर कुछ शिवसैनिकों ने नारेबाजी भी की है.
फिलहाल, संजय राउत को सोमवार दोपहर लंच के बाद पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, संजय राउत के घर से ईडी ने 11.50 लाख रुपये भी जब्त किये हैं. वहीं ईडी के सीनियर ऑफिसर भी देर रात दिल्ली से मुंबई पहुंच गए हैं. संजय राउत से पूछताछ की जा रही है.
ईडी दफ्तर पहुंचने के बाद संजय राउत ने मीडिया से भी बात की. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को कमजोर करने की कोशिश हो रही है, लेकिन वह झुकेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि झूठ सबूत गढ़कर ईडी उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है. हालांकि इस बीच संजय राउत के वकील ने दावा किया है कि उनको सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया गया है, हिरासत में नहीं लिया गया है. करीब 6 घंटे बाद संजय की गिरफ्तारी की खबर आई.
इससे पहले करीब 9 घंटे तक ईडी की टीम ने संजय राउत के घर छानबीन की. ईडी ने यह छापेमारी पात्रा चॉल घोटाले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की थी. रविवार को ED की टीम सुबह 7 बजे राउत के भांडुप स्थित घर पर पहुंची थी. शाम चार बजे करीब ईडी ने संजय राउत को हिरासत में ले लिया. समर्थक संजय राउत के घर के बाहर जमा हो गए. उन्होंने ईडी टीम का रास्ता रोक लिया. हालांकि पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया.
संजय राउत के भाई सुनील राउत ने आरोप लगाते हुए कहा कि संजय उद्धव के सबसे करीबी हैं, इसलिए उन्हें ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. ईडी के पास संजय के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. वह केवल यह योजना बना रही है कि अगर इस मामले में संजय के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले तो वह किसी और मामले में उन्हें हिरासत में ले ले.
ईडी दफ्तर पहुंचने के बाद संजय राउत ने मीडिया से बात की. वह बोले कि महाराष्ट्र को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. लेकिन वह झुकेंगे नहीं और ना ही पार्टी छोड़ेंगे.
यह है पात्रा चॉल घोटाला मामला
- ईडी के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था. यह काम MHADA ने उसे सौंपा था. इसके तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ में पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों पुनर्विकसित होने थे.
- ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए.
- जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी.
- ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सिस्टर कंपनी है. जांच में सामने आया कि HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे.
- 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा. ED की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे.
- ED के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है.
- ED ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं. वहीं, सुजीत पाटकर को भी संजय राउत का करीबी माना जाता है. सुजीत पाटकर संजय राउत की बेटी के साथ एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी है.