मुंबई। NCP नेता शरद पवार ने दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस लिया है जिसमें उन्होंने कहा कि- देश की सत्ता भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों के हाथ में है। उनकी भूमिका समाज में एकता बनाए रखने की है, लेकिन वे लोगों को बांट रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं कि कैसे उन्होंने(भाजपा) राज्य सरकारों को गिराया- जैसे गोवा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के बाद क्या हुआ, यह सभी ने देखा है।
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों काफी उठा-पटक देखने को मिल रही है। अजित पवार द्वारा एनसीपी छोड़ने के बाद से वहां सरगर्मी तेज है। वहीं, हाल में भतीजे अजित और चाचा शरद के बीच हुई गुप्त मीटिंग के बाद एक बार फिर राज्य में कयासों का दौर शुरू हो गया है। दोनों के बीच हुई इस मीटिंग के संदर्भ में महाराष्ट्र कांग्रेस के एक बड़े नेता ने शरद पवार को भाजपा में शामिल होने का ऑफर मिलने का दावा किया था। इतना ही नहीं उन्होंने तो यहां तक कहा था कि भाजपा ने शरद को कैबिनेट मंत्री पद देने को भी कहा है।
इस सियासी खेल की शुरुआत बीते शनिवार यानी 12 अगस्त से हुई। उस दिन करीब एक बजे पुणे के कोरेगांव पार्क क्षेत्र में शरद पवार को दोपहर एक बजे के आसपास कोरेगांव पार्क क्षेत्र में व्यवसायी अतुल चोरडिया के आवास पर पहुंचे थे। वे शाम पांच बजे के आसपास वहां से निकले थे। वहीं, उपमुख्यमंत्री अजित पवार को कथित तौर पर शाम 6:45 बजे एक कार में परिसर से बाहर निकलते देखा गया था। ये दावे कई मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस गुप्त बैठक के दौरान एनसीपी नेता जयंत पाटिल भी वहां मौजूद थे।
चाचा-भतीजे के बीच हुई इस बैठक के बाद महाराष्ट्र में बयानों का दौर शुरू हो गया है। वहीं, 15 अगस्त को जब इस गुप्त बैठक के बारे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि चाचा शरद पवार के साथ मुलाकात के दौरान कुछ खास नहीं हुआ। ऐसे में बैठक के बारे में ज्यादा कयास लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पवार साहब पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। मीडिया परिवार के सदस्यों के बीच हुई बैठक को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहा है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक में कुछ भी असामान्य हुआ। जब उनसे पूछा गया कि आप कार में छिपकर परिसर से बाहर क्यों निकले? तो अजित ने कहा कि वह कार में नहीं थे। मैं चोरी-छिपे नहीं गया था। मैं ऐसा व्यक्ति हूं, जो खुलेआम घूमता है। मेरे छिपने का कोई कारण नहीं था।