सेक्स स्कैंडल का मामला, केंद्रीय एजेंसी की होगी एंट्री? मचा हड़कंप
राजनीति में भूचाल ला दिया है।
भुवनेश्वर: अर्चना नाग सेक्स स्कैंडल ने इन दिनों ओडिशा की राजनीति में भूचाल ला दिया है। विपक्ष लगातार कथित तौर पर बीजू जनता दल (BJD) के कई नेताओं से जुड़े इस सनसनीखेज सेक्स स्कैंडल की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि इस हाईप्रोफाइल केस में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री हो सकती है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने ओडिशा पुलिस से इस मामले से जुड़ी प्राथमिकी की कॉपी मांगी है। पुलिस ने हाल ही में 26 वर्षीय एक महिला को गिरफ्तार किया था।
भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त सौमेंद्र प्रियदर्शी ने मंगलवार को कहा कि ईडी के अधिकारियों ने अर्चना नाग के एक पूर्व साथी द्वारा दर्ज प्राथमिकी की कॉपी मांगी है। महिला ने शिकायत की थी कि कुछ साल पहले अचर्ना नाग ने उसके ड्रिंक्स और खाने में कुछ नशीला पदार्थ मिला दिया और फिर कुछ अश्लील तस्वीरें लीं। आरोप यह भी है कि उन तस्वीरों का इस्तेमाल कर सेक्स वीडियो बनाया गया और फिर उसकी मदद से लोगों को ब्लैकमेल किया गया। महिला ने आरोप लगाया कि अर्चना नाग महिलाओं को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर कर रही थी। उनका इस्तेमाल प्रभावशाली लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए कर रही थी।
पुलिस ने उसके घर से उसका मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव और कंप्यूटर भी बरामद किया है। पुलिस आयुक्त ने कहा, "पुलिस मामले में वित्तीय लेनदेन और वित्तीय अनियमितताओं की जांच नहीं कर सकती है। अगर निजी लोग शामिल हैं तो ईडी या आयकर विभाग इस मामले की जांच कर सकता है।" ओडिशा पुलिस ने अर्चना नाग के बैंक अकाउंट की जानकारी के लिए आरबीआई को एक पत्र लिखा था।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अर्चना नाग और उनके पति जगबंधु चंद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के बाद ईडी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामला दायर करेगी। इससे ईडी के पास गिरफ्तारी करने, तलाशी और जब्ती करने के साथ-साथ अपराध की आय को अटैच करने का अधिकार होगा।
आपको बता दें कि मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी अर्चना नाग के महलनुमा इमारत, कई महंगी कारों के साथ-साथ एक घोड़े को देखकर हैरान रह गए थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईडी अर्चना नाग और उसके पति को सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई हाई प्रोफाइल लोगों से प्राप्त धन के स्रोत का पता लगा सकती है। पिछले महीने ओडिया फिल्म निर्माता अक्षय पारिजा द्वारा नाग और एक लड़की के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद अर्चना नाग की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई थी।
बीते कुछ हफ्तों में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के साथ अर्चना नाग की कई तस्वीरें सामने आई हैं, लेकिन कोई भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए आगे नहीं आया है। इस कारण पुलिस के लिए मामले की और गहन जांच करना मुश्किल हो गया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एक बार ईडी ने जांच शुरू कर दी तो अर्चना नाग और राजनेताओं के बीच किसी भी तरह का वित्तीय लेन-देन आने वाले दिनों में बीजेडी के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है।
एक एनजीओ ने उड़ीसा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा निष्पक्ष और उचित जांच की मांग की है। भाजपा महिला विंग ने मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि राज्य पुलिस जांच में कोई स्पष्ट प्रगति करने में विफल रही है। पार्टी ने राज्य पुलिस द्वारा मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं करने पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आवास का घेराव करने की धमकी दी है।
साभार: हिंदुस्तान