Rajsamand: राजसमंद। राजसमंद Rajsamand शहर के प्रतापपुरा में बना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट काफी समय से बंद पड़ा हुआ है। पपिंग स्टेशन पर लगी चार में दो मोटर जल गई है, जबकि वर्तमान में जो दो मोटर वह कम पावर की है, इसके कारण सीवरेज का पानी ट्रीट नहीं हो रहा है। वहीं एसटीपी को अपग्रेड करने का काम भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है। शहर के प्रतापपुरा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना हुआ है। इसका पपिंग स्टेशन एमडी गांव में बना हुआ है। वहां पर सीवरेज से निकली गंदगी एकत्र होती है और उसे पंप पर प्रतापुरा में बने एसटीपी में पहुंचाया जाता है। पानी को पंप करने के लिए चार मोटर लगी हुई है, लेकिन इसमें दो मोटर जल गई थी। इन मोटरों को दुरुस्त करने के लिए जयपुर भेजा गया, लेकिन उसे लगाते ही एक मोटर फिर से जल गई। ऐसे में अब उसे कांकरोली में दुरुस्त कराया जा रहा है।
एक मोटर का बैरिंग नहीं मिल रहा है। इसके कारण पिछले डेढ़ माह से ट्रीटमेंट प्लांट बंद पड़ा हुआ है, जबकि सीवरेज के पानी को पपिंग स्टेशन के पास बनी तलाई में एकत्र किया जा रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट के शुरू होने पर उस पानी को ट्रीट किया जाएगा। एसटीपी को अपग्रेड करने का काम अब तक शुरू नहीं हुआ है। ठेकेदार फर्म के कार्मिकों ने सिर्फ मार्किंग करके छोड़ दी है। कुछ समय पहले डीएलबी स्तर पर टेण्डर किए गए थे। इसकी ड्राईंग को एमएनआईटी ने भी पास कर दिया है। अब ट्रीटमेंट प्लांट के तहत बनने वाले टैंक एवं अन्य निर्माण कार्य के लिए जगह का चिन्हिकरण किया गया है। उक्त कार्य को 2025 तक पूरा किया जाना है। इस पर 8,4,79,000 रुपए खर्च होंगे। एसटीपी के अपग्रेड होने से एसटीपी की क्षमता 5 एमएलडी ही रहेगी, लेकिन इसमें स्लस बेस रियेक्टर तकनीक से निर्माण होने के कारण इससे निकलने वाले पानी की गुणवत्ता बढ़ेगी। इससे निकलने वाले पानी का बीओडी 10 के आस-पास रहने की उमीद है, जबकि वर्तमान में 80-90 रहता है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी।