भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 21 सितम्बर की तारीख हमारे प्रदेश के लिए ऐतिहासिक तारीख होगी। इस दिन आदि गुरू शंकराचार्य की ज्ञान भूमि ओंकारेश्वर में उनकी दिव्य-प्रतिमा के अनावरण के साथ-साथ एकात्म धाम का शिलान्यास भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को इंदौर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य महाराज ने सांस्कृतिक रूप से देश को जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य की जन्म स्थली केरल थी, लेकन उन्होंने जंगलों, पहाड़ों से यात्रा करते हुए ओंकारेश्वर में ज्ञान प्राप्त किया। यहाँ से ज्ञान प्राप्त कर वे काशी की ओर आगे बढ़े। उनके अद्वैत वेदांत के कारण भारत एक है। आदि शंकराचार्य ने देश के चार कोनों में चार मठों की स्थापना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामतीर्थ, तुलसी दास और कबीर दास जी सहित प्रमुख संतों ने आदि गुरू शंकराचार्य के अद्वैत ज्ञान को अपनाया है। आने वाली पीढ़ियों को भी अद्वैत ज्ञान मिलता रहे, इसी उद्देश्य से उनकी स्मृति में एकात्म धाम बनाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य शंकर अवतरित होने जा रहे हैं। ओंकारेश्वर की पुण्य भूमि से उनके प्रभामंडल का ओज पूरे विश्व में फैलने लगा है; सम्पूर्ण धरा हर्षित है। इस अलौकिक क्षण को मूर्त रूप लेते देख हृदय आह्लादित तथा आध्यात्मिक ऊर्जा से अनुप्राणित है। आइए, एकात्म की सार्वभौमिक यात्रा का मार्ग प्रशस्त करने वाले अद्वितीय अवसर के भागी बनें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को इंदौर प्रवास के दौरान यहां बंदी साहब गुरूद्वारा में मत्था टेका। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुरूजी से मेरी यही प्रार्थना है कि सब सुखी और निरोग हों, सबका मंगल व कल्याण हो और सब आगे बढ़ें। सभी लोकहित के कार्यों से अपने जीवन को सार्थक बनाएं।